40 साल पहले जब SBI ने 75000 में खरीदा था एक टाइपराइटर, पूर्व…- भारत संपर्क
40 साल पहले SBI ने खरीदा था पहला टाइपराइटर (सांकेतिक फोटो)Image Credit source: TV9 Graphics
भारत के सबसे बड़े बैंक SBI को आज हम जिस तरह देखते हैं, ये हमेशा से ऐसे नहीं था. मोबाइल पर यूपीआई से पेमेंट करने वाली आज की पीढ़ी को तो ये अंदाजा भी नहीं होगा कि एक समय में बैंक के अंदर सारा काम मैनुअल तरीके से होता था. एसबीआई के पूर्व चेयरमैन और मौजूदा समय में BharatPe के चेयरमैन रजनीश कुमार ने एसबीआई से जुड़े ऐसे कई रोचक किस्से बताए.
रजनीश कुमार टीवी9 नेटवर्क के ग्लोबल समिट What India Thinks Today में शामिल हुए. यहां एक सत्र में उन्होंने फिनटेक के सामने मौजूदा अवसर और चुनौतियों पर बात की. इसी दौरान उन्होंने एसबीआई में अपने अनुभव को भी साझा किया.
ब्याज भी नहीं आता था टाइम पर
रजनीश कुमार ने बताया कि उन्होंने साल 1980 में एसबीआई में नौकरी शुरू की थी. उस समय बैंक में सारा काम मैनुअल होता था. हालात ऐसे थे कि लोगों के पैसे जमा करने से लेकर उनका भुगतान करने तक बहुत काम होता था. लोगों के खाते में टाइम पर ब्याज जमा नहीं हो पाता था क्योंकि बही-खातों का हिसाब मिलाने में बड़ा वक्त लग जाता था. ऐसे में टेक्नोलॉजी ने बैंकिंग सेक्टर को बहुत तेजी से बदला है.
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75,000 में खरीदा था पहला टाइपराइटर
एसबीआई के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार ने बैंक के पहला इलेक्ट्रॉनिक टाइपराइटर खरीदने का भी किस्सा सुनाया. उन्होंने बताया कि 1984 बैंक के लिए बहुत राहत का समय लेकर आया था. उस साल हम कर्मचारी यूनियंस के साथ बैंकों में कंप्यूटर के उपयोग को लेकर एक सहमति पर पहुंच गए.
इसके बाद हमने बैंक के लिए पहला इलेक्ट्रॉनिक टाइपराइटर खरीदा, जिसके लिए 75,000 रुपए की कीमत अदा की. रजनीश कुमार उस समय एसबीआई के एचआर डिपार्टमेंट में काम करते थे. उन्होंने कहा कि इसके बाद पीसी एक्सटी, पीसी एटी आते गए और धीरे-धीरे सब बदलता गया. आज हम इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग के बिना कुछ भी इमेजिन नहीं कर सकते हैं.