मोबाइल से सोशल मीडिया तक… बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटीज पर नजर रखने के लिए…

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मोबाइल से सोशल मीडिया तक… बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटीज पर नजर रखने के लिए…
मोबाइल से सोशल मीडिया तक... बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटीज पर नजर रखने के लिए अपनाएं ये 5 स्मार्ट टिप्स

पेरेंटिंग टिप्सImage Credit source: Getty Images

आज का दौर को डिजिटल युग भी कहा जा सकता सकता है. इस समय बड़ें से लेकर छोटे-छोटे बच्चों के हाथ में भी मोबाइल देखने को मिलता है क्योंकि बच्चों की पढ़ाई भी कई बार ऑनलाइन होती है या फिर एंटरटेनमेंट और गेमिंग के लिए वह मोबाइल का उपयोग तो करती ही हैं. ऐसे में पेरेंट्स के लिए सबसे बड़ी समस्या बन जाती है. क्योंकि बच्चे ऑनलाइन क्या देख रहे हैं वह इस बारे में बहुत सोचते रहते हैं. आज के डिजिटल युग में पेरेंट्स के लिए बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटिज पर नजर रखना एक बड़ी चुनौती बन गया है.

इंटरनेट पर जहां एक तरफ ज्ञान और मनोरंजन से जुड़ी चीजों देखने को मिलती हैं. वहीं दूसरी ओर इसके कई नेगेटिव इफेक्ट भी हैं. अगर इंटरनेट का सही तरीके से उपयोग न किए जा, तो इससे बच्चे के व्यक्तित्व और स्वभाव पर नेगेटिव असर पड़ सकता है. ऐसे में अपने बच्चों को डिजिटल दुनिया से सेफ रखना बेहद जरूरी है. इसलिए आप यहां दिए गए टिप्स की मदद से इस पर नजर रख सकते हैं कि आपका बच्चा इंटरनेट से क्या सिख रहा है.

बच्चों से बात करें

सबसे पहली बात तो पेरेंट्स को अपने बच्चों से इस बारे में बात करनी चाहिए कि वह इंटरनेट का उपयोग क्यों कर रहे हैं और उससे क्या सिख रहे हैं. उनसे पूछे कि वह इंटरनेट पर क्या देखते हैं, कौन-से ऐप्स या वेबसाइट्स उपयोग करते हैं. जब बच्चों को लगता है कि पेरेंट्स उनकी बात समझ रहे हैं, तो वह किसी दिक्कत या परेशानी उन्हें खुद ही बताने लगते हैं. इससे दोनों के बीच विश्वास बढ़ता है, साथ ही बच्चे अपने पेरेंट्स से बात नहीं छुपाते हैं.

पेरेंट्स कंट्रोल ऐप्स

आजकल ज्यादा स्मार्टफोन, टैबलेट और कंप्यूटर में पैरेंटल कंट्रोल फीचर्स होता है. इसके साथ ही कई ऐप्स भी बन गई हैं, आप उसका उपयोग कर सकते हैं. इसके जरिए आप अपने बच्चे के स्क्रीन टाइम को सीमित कर सकते हैं. इसके साथ ही अनयूज्ड वेबसाइट्स को ब्लॉक कर सकते हैं. आप पैरेंटल कंट्रोल ऐप्स मोबाइल में इंस्टॉल कर सकते हैं.

Children Use Mobile

डिजिटल एक्टिविटीज ( Credit : Getty Images )

ऑनलाइन सेफ्टी के बारे में सिखाएं

बच्चों को यह बताना बहुत जरूरी है कि वह अपने से जुड़ी जानकारी जैसे कि नाम, पता, स्कूल का नाम और फोन नंबर आदि किसी के साथ शेयर न करें. इसके अलावा मोबाइल पर आई किसी भी लिंक पर क्लिक न करें. क्योंकि इससेस्कैमहो सकता है. इसके अलावा किसी हर एक वेबसाइट्स की लिंक पर क्लिक करना भी जरूरी नहीं होता है. बच्चों की सेफ्टी और जिम्मेदार इंटरनेट यूजर बनाना पेरेंट्स की जिम्मेदारी होती है.

समय निर्धारित करें

अगर आपका बच्चा पढ़ाई या गेम खेलने के लिए मोबाइल का उपयोग करता है. तो उसके लिए एक समय निर्धारित करें कि कब से कब तक बच्चों को मोबाइल चलाने की परमिशन देनी है. कई बच्चे रात में या फिर खाना खाते समय भी मोबाइल का उपयोग करते हैं, जो की बहुत गलत है. इसलिए मोबाइल चलाने के लिए समय निर्धारित करना बहुत जरूरी है. अगर पढ़ाई से जुड़ी कुछ काम है तो पेरेंट्स बच्चे के साथ खुद बैठे और इंटरनेट पर चीजों को ढूंढने में उनकी मदद करें.

खुद बनें रोल मॉडल

आज के समय में ज्यादातर लोगों का काम ऑनलाइन होता है. ऐसे में वह खुद ऑफिस के बाद भी घर पर मोबाइल का उपयोग करते हैं या फिर वेब सीरीज देखने और रील्स देखने के लिए मोबाइल चलाते रहते हैं. लेकिन पेरेंट्स को पहले खुद बच्चों के सामने मोबाइल का उपयोग करना कम करना चाहिए. क्योंकि बच्चे बड़ों से हो सीखते हैं. इसलिए पेरेंट्स खुद भी सोशल मीडिया का उपयोग और स्क्रीन टाइम को सीमित करें.

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