कौन सी दाल को कब खाएं? सेहत के साथ डाइजेशन भी रहेगा सही

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कौन सी दाल को कब खाएं? सेहत के साथ डाइजेशन भी रहेगा सही
कौन सी दाल को कब खाएं? सेहत के साथ डाइजेशन भी रहेगा सही

दाल खाने का सही समयImage Credit source: Getty Images

दाल भारतीय खाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं. जो लगभग हर रसोई में पाई जाती है. ये न सिर्फ स्वादिष्ट होती है बल्कि यह शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते ही. इसमें प्रोटीन, फाइबर, कई विटामिन्स और न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं. जो अलग-अलग तरह से सेहतमंद रहने में मदद करता हैं. दालों में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है, जो उन लोगों के लिए बहुत जरूरी है जो शाकाहारी होते हैं. देश में कई तरह की दाल उपलब्ध हैं जैसे कि अरहर की दाल, मूंग दाल, मसूर दाल, उड़द दाल और चना दाल. हर प्रकार की दाल का रंग, आकार, स्वाद और पोषक तत्व अलग-अलग होते हैं. कुछ दालें खाने में हल्की और कुछ बहुत हैवी होती हैं. इसलिए इन्हें सही समय पर खाना भी जरूरी है.

आपने देखा होगा की कुछ दालों को खाने के बाद पेट में दर्द, गैस या ब्लोटिंग जैसी समस्या होती है. दरअसल यह उसे सही समय पर न खाने और बनाने समय की गई कुछ गलतियों की वजह से हो सकता है. दालों को कई तरह से बनाया जाता है जैसे की दाल-पालक, घीया-दाल इसके अलावा दक्षिण भारत में सांभर और रसम जैसे व्यंजन दाल से ही बनाए जाते हैं. उत्तर भारत में तड़का दाल और दाल मखनी जैसे व्यंजन बहुत प्रसिद्ध हैं. लेकिन कौन-सी दाल को किस समय खाना सेहत के लिए सही रहता है आइए जानते हैं इसके बारे में

दाल खाने का सही समय

अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल में सीनियर डाइटिशियन डॉक्टर अंजलि तिवारी ने बताया कि दालों में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स होते हैं. दालों से मिलने वाला प्रोटीन खासकर उन लोगों के लिए जरूरी है जो बेस प्रोटीन नहीं खाते हैं. इसलिए यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है. अलग-अलग दालों को खाने का सही समय और उनके फायदे होते हैं.

मुंग की दाल – यह हल्की होती है. साथ ही इसे पचाना आसान होता है, इसलिए इसे सुबह या दोपहर के समय खाना अच्छा रहता है. इससे शरीर को एनर्जी मिलती है और आप फ्रेश महसूस करते हैं. क्योंकि यह हल्की होती है और आपको पेट में हेवीनेस महसूस नहीं होती है.

मसूर की दाल – ये दाल आयरन का बहुत अच्छा सोर्स होती है. इसलिए इसे खाने से शरीर में खून की कमी को पूरा किया जा सकता है. इसे दोपहर या रात के समय खाना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है.

Pulses Benefits

उड़द की दाल – इस दाल में प्रोटीन और कैल्शियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है. जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है. इस दाल रात के समय खाने में खाना अच्छा रहता है.

राजमा और छोले – राजमा और छोले जैसे भारी दालों को दोपहर के खाने में खाना चाहिए क्योंकि ये एनर्जी देते हैं और लंबे समय तक पेट भरा रहता है. रात में इसे ज्यादा खाने से गैस या ब्लोटिंग हो सकती है.

डॉक्टरों का सुझाव है कि दालों को पानी में भिगोकर पकाएं और साथ में हरी सब्जियां लें ताकि पोषण बेहतर तरीके से मिले. दालों का सेवन करने से शरीर को स्वस्थ और वजन को कंट्रोल रखा जा सकता है. लेकिन अपनी सेहत के मुताबिक ही दाल का सेवन करें.

दाल को कितने समय तक भिगोएं?

एक्सपर्ट की सलाह है कि सभी दालों को बनाने से पहले 40 मिनट या फिर कम से कम एक घंटे पानी में भिगोकर रखना चाहिए. साबुत दाल या सोयाबीन को 2 से 3 घंटे के लिए भिगोकर रखना जरूरी है. सभी दालों को बनाने से पहले 40 मिनट या एक घंटे पानी में भिगोकर रखना चाहिए. साबुत दाल या सोयाबीन को 2 से 3 घंटे के लिए भिगोएं.

उड़द छिलका, चना दाल और मूंग छिलका को 2 से 4 घंटे भिगोकर रखना चाहिए. साबुत मूंग, साबुत उड़द, साबुत मसूर लोबिया और मोठ को बनाने से पहले 6 से 8 घंटे भिगोकर रखना चाहिए. इसके अलावा राजमा, सफेद चना और काला चना को रातभर भिगोकर रखना सही रहेगा. इससे दाल में मौजूद धूल और कुछ हानिकारक तत्व निकल जाते हैं और दाल जल्दी बन भी जाती है.

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