बांग्लादेश में मुसलमानों की आस्था पर हमला, कई दरगाहों में लगाई गई आग – भारत संपर्क


बांग्लादेश में एक साथ 3 दरगाहों पर अटैक
बांग्लादेश में मंदिर के बाद अब उपद्रवियों के निशाने पर दरगाह है. गुरुवार को कुमिला के होमन उपजिले में उपद्रवियों ने 3 दरगाहों में आग लगा दी. आगजनी की वजह से एक शख्स की मौत हो गई, जबकि 22 लोग घायल हो गए. आस्था के मामले को देखते हुए पूरे इलाके को पुलिस ने सीज कर दिया है.
द डेली स्टार के मुताबिक गुरुवार को दरगाह से जुड़े लोगों के साथ स्थानीय उपद्रवियों की इस्लाम को लेकर बहस हो गई, जिसके बाद उपद्रवियों ने दरगाहों को फूंक दिया. पुलिस का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है. पहली कोशिश शांति-व्यवस्था बनाए रखने की है.
इन तीन संतों के दरगाह फूंके
रिपोर्ट के मुताबिक जिन लोगों के दरगाह बांग्लादेश में फूंके गए हैं, उनमें कफिल उद्दीन शाह, हवेली शाह और अब्दु शाह के दरगाह हैं. बांग्लादेश के धार्मिक मामलों में इन तीनों के नाम काफी श्रद्धा से लिए जाते हैं. तीनों के बारे में कहा जाता है कि ये लोग अपने वक्त में बांग्लादेश में इस्लाम से अलग संप्रदाय बनाने की कोशिश कर रहे थे.
इनके मरने के बाद कुमिला में अलग-अलग समय पर दरगाह स्थापित किया गया. यहीं पर इन तीनों का होमटाउन भी था. इलाके में शाह के दरगाह को मानने वाले लोगों की अच्छी-खासी संख्या है.
सवाल- दरगाह क्यों फूंके गए?
बांग्लादेश पुलिस के मुताबिक 2 दिन पहले कफिल उद्दीन शाह के पोते मोहसीन ने फेसबुक पर इस्लाम और पैगंबर साहेब को लेकर एक विवादित टिप्पणी की, जिसके बाद मोहसीन के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई हुई. उसे गिरफ्तार किया गया.
इसी बीच स्थानीय कुछ लोग मोहसीन के घर इकट्ठा हो गए. पुलिस भी आई और कार्रवाई की बात कहकर चली गई. इसी बीच स्थानीय मस्जिद पर लगे माइक से एक एनाउंस किया गया, जिसके बाद भीड़ मोहसीन के घर पर फिर से जुट गई.
इस बार भीड़ आक्रामक थी और उसने देखते ही देखते तीनों दरगाह को फूंक दिया. बाद में जैसे-तैसे पुलिस ने सिचुएशन कंट्रोल किया.
धार्मिक स्थलों पर लगातार हो रहे हमले
ब्रिटेन सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश में अगस्त 2024 से दिसंबर 2024 तक 133 पूजा स्थलों पर हमला किया. अधिकांश पूजा स्थल हिंदुओं के थे. इसी तरह 100 से ज्यादा श्राइन या सूफियों के ठिकानों पर अटैक की खबर भी बांग्लादेश से आई है.
अगस्त 2024 में चीफ एडवाइजर बनने के बाद मोहम्मद यूनुस ने धार्मिक हमले कम करने की बात कही थी, लेकिन इस मामले में यूनुस अब तक विफल रहे हैं.