Poonam Pandey in Mandodari Role: कहां की रहने वाली थीं मंदोदरी, जिनका रामली… – भारत संपर्क

पुरानी दिल्ली की रामलीला में मंदोदरी का किरदार निभाएंगी पूनम पांडे.
Poonam Pandey in Mandodari Role: नवरात्रि और दशहरा का त्योहार नजदीक है. देशभर में रामलीला की तैयारियां भी जोरों-शोरों से चल रही हैं. रामलीला में मंचन करने वाले पात्रों का चयन भी हो रहा है. इसी बीच एक पात्र के चयन को लेकर विवाद छिड़ गया है. ये पात्र दशानन रावण की पत्नी मंदोदरी का. दरअसल, पुरानी दिल्ली में होनी वाली लव-कुश रामलीला में ग्लैमरस एक्ट्रेस पूनम पांडे को मंदोदरी का रोल प्ले करने के लिए ऑफर किया गया. अब पूनम पांडे मंदोदरी का रोल प्ले करेंगी. पूनम पांडे ने इसको लेकर रामलीला समिति का आभार भी जताया, लेकिन उनके चयन पर साधु-संत विरोध पर उतर आए हैं. पूनम पांडे की जो छवि है, उसको देखते साधु-संतों ने कहा कि ये सनातन धर्म की सांस्कृतिक परंपरा के लिए अपमानजनक है.
रामलीला को सनातन धर्म में बहुत महत्व दिया जाता है. इसे सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा माना जाता है. रामलीला में एक-एक किरदार का रोल बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. अब जब मंदोदरी का रोल चर्चा में है तो आइए जानते हैं कि दशानन रावण की पत्नी मंदोदरी कहां की रहने वाली थीं, उनका मायका कहां था?
कहां है मंदोदरी का जन्मस्थान?
मंदोदरी के जन्मस्थान को लेकर अलग-अलग मत हैं, लेकिन सबसे प्रसिद्ध मध्य प्रदेश का मंदसौर है, जिसे रावण का ससुराल और मंदोदरी का घर माना जाता है. प्राचीन ग्रंथ और जनश्रुतियां इस बात की पुष्टि करती हैं कि मंदसौर का प्राचीन नाम दशपुर था और यह मंदोदरी का जन्मस्थान था.
नामदेव समाज मंदोदरी को मानता है अपनी बहन
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मंदसौर के नामदेव समाज के लोग मंदोदरी को अपनी बेटी का दर्जा देते हैं. इसी लिहाज से यहां लंकापति रावण को जमाई राजा का दर्जा दिया जाता है. खानपुरा में स्थित दशानन की विशाल प्रतिमा को पूजा जाता है. दशहरे के दिन सुबह नामदेव समाज और शहर के सभी लोग ढोल-नगाड़े के साथ रावण की पूजा करने पहुंचते हैं.
रावण की पत्नी मंदोदरी को नामदेव समाज अपनी बहन मानता है. यहां जिस तरह यहां ससुराल में जमाई राजा को मान-सम्मान दिया जाता है, उसी तरह मंदसौर के लोग भी रावण को जमाई की तरह सम्मान देते हैं. यहां रावण की प्रतिमा के सामने से आज भी शहर की महिलाएं घूंघट करके निकलती हैं.
रावण के पैरों का लच्छा बांधते मंदसौर वासी
रावण के बुद्धि, ज्ञान और भक्ति की यहां सुबह पूजा-अर्चना की जाती है तो शाम को अहंकार रूपी रावण का वध किया जाता है. यहां दूर-दराज से भक्त पूजा-अर्चना और मनोकामना करने पहुंचते हैं. मान्यता के अनुसार, मंदसौर रावण की पत्नी मंदोदरी का यह मायका है. यहां रावण के पैरों में लच्छा बांधने से बीमारियां दूर होती हैं.
मंदोदरी के जन्मस्थान को लेकर अलग-अलग मत
मंडोर (राजस्थान): यह भी मान्यता है कि मंदोदरी का पैतृक स्थान जोधपुर के पास मंडोर था.
मंदसोर (मध्य प्रदेश): कुछ ग्रंथों में मंदसौर को मंदोदरी का जन्मस्थान माना गया है और यहां रावण की प्रतिमा भी स्थापित है.
अन्य मत: कुछ कथाओं में मंदोदरी के जन्म का स्थान स्वर्ग में या मयराष्ट्र (मेरठ के पास) भी बताया गया है, क्योंकि उनके पिता मय दानव थे.
(रिपोर्ट- दीपक/मंदसौर)