जिला पंचायत में मनरेगा के तहत युक्तधारा पोर्टल का दिया गया…- भारत संपर्क
जिला पंचायत में मनरेगा के तहत युक्तधारा पोर्टल का दिया गया प्रशिक्षण, युक्तधारा पोर्टल के माध्यम से वर्ष 2026-27 के लेबर बजट हेतु तैयार की जाएगी कार्ययोजना
कोरबा। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत युक्तधारा पोर्टल पर आधारित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को जिला पंचायत कोरबा के सभागार में किया गया। वही इस प्रशिक्षण में सहायक परियोजना अधिकारी,मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी, तकनीकी सहायक, सहायक प्रोग्रामर एवं अन्य संबंधित अधिकारी शामिल हुए। वही इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्राम पंचायत स्तर पर योजनाओं की निर्माण प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी एवं प्रभावी बनाना है। मास्टर ट्रेनर सुश्री रश्मि रानी भोई एवं आलोक ताम्रकार ने प्रतिभागियों को युक्तधारा पोर्टल के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षण में योजना निर्माण, परिसंपत्ति विकास एवं उनके जियो-टैगिंग की प्रक्रिया, डेटा संकलन, डिजिटल डाक्यूमेंटेशन तथा पोर्टल के माध्यम से पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया गया। वही विशेषज्ञों ने बताया कि युक्तधारा पोर्टल भू-स्थानिक डेटा आधारित एक अत्याधुनिक प्लेटफार्म है, जिसके माध्यम से ग्राम पंचायत स्तर पर मनरेगा कार्यों की योजना बनाई जाती है। यह कार्यों के चयन, निगरानी और परिसंपत्तियों की जियो-टैगिंग की प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाता है। वही मुख्य कार्यपालन अधिकारी दिनेश कुमार नाग ने कहा कि युक्तधारा पोर्टल योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने का सशक्त साधन है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी अधिकारी एवं कर्मचारी इस तकनीकी टूल का समुचित उपयोग करें और वर्ष 2026-27 के लिए एक आदर्श कार्ययोजना तैयार करें, जिससे ग्रामीण हितग्राहियों को अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके।
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क्या है युक्तधारा पोर्टल
युक्तधारा पोर्टल महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर कार्य योजना बनाने और उसे लागू करने के लिए विकसित भू-स्थानिक नियोजन पोर्टल है। इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और ग्रामीण विकास मंत्रालय ने संयुक्त रूप से तैयार किया है। यह पोर्टल रिमोट सेंसिंग और भौगोलिक सूचना प्रणाली तकनीक का उपयोग करके परिसंपत्तियों का जियो-टैग करता है, जिससे योजनाओं की पारदर्शिता एवं दक्षता बढ़ती है और कार्यों के दोहराव अथवा फर्जीवाड़े की संभावना कम होती है।