रूस-US के बीच आखिरी हथियार कंट्रोल समझौता जल्द खत्म होगा, क्या है पुतिन का ऑफर? – भारत संपर्क


पुतिन और ट्रंप.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने कहा है कि वह अमेरिका के साथ चल रही New Start न्यूक्लियर ट्रीटी साल भर के लिए बढ़ा सकते हैं. बशर्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इसके लिए तैयार हों. रूस और अमेरिका ने साल 2010 में न्यू स्ट्रैटेजिक आर्म्स रिडक्शन ट्रीटी (New Start) पर दस्तखत किए थे. इसके तहत रणनीतिक मोर्चों पर तैनात मिसाइल और बॉम्बर्स में न्यूक्लियर आर्म्स की कटौती करना शामिल है.
यह दोनों देशों के बीच आखिरी आर्म्स कंट्रोल डील है, जो 5 फरवरी 2026 को खत्म हो रही है. रूस की सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग में पुतिन ने कहा कि अगर समझौते की समयसीमा बढ़ाई जाती है तो इससे हथियारों में कमी लाने में मदद मिलेगी. साथ ही अमेरिका के साथ भविष्य में होने वाली बातचीत के द्वार भी खुलेंगे. हमारा मानना है कि समझौता तभी मान्य होगा, जब अमेरिका भी इसके लिए तैयार हो.
ओबामा-मेदवेदेव ने ट्रीटी पर साइन किए थे
New Start ट्रीटी 2010 में हुई थी, उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और रूस के राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव थे. समझौते के मुताबिक, दोनों देश 1,550 से ज्यादा न्यूक्लियर वॉरहेड्स और 700 से ज्यादा मिसाइल और बॉम्बर्स नहीं तैनात कर सकते. समझौते की निगरानी के लिए ऑन साइट इंस्पेक्शन की भी बात कही गई थी. हालांकि अब तक एक बार भी किसी भी देश ने इसे लेकर कोई दौरा नहीं किया है.
फरवरी 2023 में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने न्यू स्टार्ट (New START) संधि में भागीदारी से इनकार कर दिया था. पुतिन ने कहा मुझे यह मंजूर नहीं है कि अमेरिका के निरीक्षक रूसी परमाणु ठिकानों का दौरा करें, वो भी उस समय जब अमेरिका और नाटो खुले तौर पर यूक्रेन युद्ध में रूस की हार को अपना लक्ष्य बता रहे हैं.
रूस ने कहा हमल संधि छोड़ नहीं रहे
रूस ने यह भी साफ किया कि वह इस संधि को पूरी तरह छोड़ नहीं रहा है और परमाणु हथियारों की संख्या पर तय सीमाओं का पालन करता रहेगा. अब तक अमेरिका और रूस के बीच इस संधि को दोबारा शुरू करने या नई संधि बनाने पर कोई बातचीत शुरू नहीं हुई है. यूक्रेन में चल रहा युद्ध इस बातचीत में सबसे बड़ी रुकावट बना हुआ है. ट्रंप ने नई हथियार नियंत्रण संधि की चर्चा की थी, जिसमें चीन को भी शामिल करने का प्रस्ताव था. हालांकि इस मसले पर अभी तक कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई है.