छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने बढ़े बिजली बिल और स्मार्ट मीटर…- भारत संपर्क
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने बढ़े बिजली बिल और स्मार्ट मीटर को लेकर खोला मोर्चा, जांच को लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री से की गई मांग
कोरबा छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना( गैर राजनीतिक संगठन) ने सोमवार को बढ़े हुए बिजली बिल को वापस लेने और स्मार्ट बिजली मीटर की जांच करवाने की मांग को लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन सौंपा।पदाधिकारियों ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य एक ऐसा राज्य है, जहां की धरती धन संपदा और खनिज से सम्पन्न है यहाँ कोयले का उत्खनन होता है, और अनेकों पॉवर प्लांट स्थापित है, जो भारत के अनेकों राज्यों को बिजली आपूर्ति कर रहे है, लेकिन दुर्भाग्य की बात है की छत्तीसगढ़ की जनता को अपने ही राज्य में अधिक बिजली बिल चुकाना पड़ रहा है जिसका असर आम लोगों के जीवन में दिखना शुरू हो गया है। चारों तरफ अधिक बिजली बिल से लोग परेशान है, जनता मे वर्तमान सरकार के खिलाफ काफ़ी आक्रोश बढ़ते जा रहा है, जिसका मुख्य कारण सितंबर माह 2025 में छत्तीसगढ़ में हाफ बिजली बिल योजना में कटौती, स्मार्ट मीटर के कारण बढ़े बिल, बढ़ते बिजली के दाम और अनियमित बिजली कटौती हैं । उन्होंने कहा कि सरकार ने ‘हाफ बिजली बिल’ योजना में बदलाव कर 400 यूनिट की जगह अब केवल 100 यूनिट तक खपत पर बिल आधा कर दिया है, जिससे मध्यमवर्गीय परिवारों पर बोझ बढ़ा है साथ ही, स्मार्ट मीटर की गलकोरबा त रीडिंग और बिना वजह बिल आने की शिकायतें भी बढ़ रही हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि दरें बढ़ने और मीटरों की खराबी से बिल दोगुना हो गया है, जिससे आम जनता परेशान है। अगस्त 2025 में, राज्य सरकार ने ‘हाफ बिजली बिल योजना’ के तहत दी जाने वाली सब्सिडी को 400 यूनिट से घटाकर 100 यूनिट कर दिया है। इस बदलाव के बाद, जो उपभोक्ता 100 यूनिट से ज़्यादा बिजली का उपयोग करते हैं, उन्हें अब पूरे बिल का भुगतान करना पड़ रहा है। इससे मध्यम वर्ग के लाखों उपभोक्ताओं का बिल दोगुना हो गया है, जिससे उनके घरेलू बजट पर दबाव बढ़ गया है।एक तरफ सरकार जनता के हित की बात करती है दूसरी तरफ नए बिजली बिल के नियमों से जनता को अधिक बिजली बिल की मार झेलनी पड़ रही है, सरकार द्वारा मुफ़्त बिजली बिल योजना की बात करते हुए यह कहा गया है कि सौर ऊर्जा से फ्री में बिजली मिलेगी, हर घर में सोलर पैनल लगाया जाएगा, परंतु इसमें विरोधाभाष है क्योंकि तत्काल हर घर में सोलर पैनल नहीं लगाया जा सकता, और अगर सच में सरकार इस योजना से आम लोगों को लाभ देना चाहती है तो जब तक सोलर पैनल वाली योजना धरातल में पूरी तरफ स्थापित नहीं हो जाती, तब तक 300 यूनिट तक बिजली बिल को माफ किया जाए और जनता को इस बिजली बिल के मार से बचाया जाए, साथ ही नए स्मार्ट मीटर में अनेक गड़बड़ी की शिकायत लोगों से मिल रही है, जिसके लिए एक विशेष जांच दल नियुक्त कर गड़बड़ियों को दूर किया जाए । उक्त सभी बातों को ध्यान मे रखते हुए, नए बिजली बिल योजना को वापिस लिया जाए और स्मार्ट मीटरों की जांच की जाए । अगर 7 दिवस के भीतर कोई कार्यवाही नहीं होती तो मजबूरन उन्हें सड़क पर उतर के आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। ज्ञापन देने के दौरान प्रदेश अध्यक्ष दिलीप मिरी,जिला अध्यक्ष अलेक्जेंडर टोप्पो, जिला सचिव विनोद सारथी, कुसमुंडा इकाई संयोजक गोविंदा सारथी, अशोक पटेल,कोरबा शहर अध्यक्ष किरण निराला,महिला संयोजक ज्योति महंत,विमला ध्रुव एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।