ड्रोन से यूरोपीय देशों में हड़कंप, बंद करने पड़े एयरपोर्ट, क्या रूस का हाथ? – भारत संपर्क


ड्रोन की वजह से डेनमार्क और नॉर्वे के हवाई अड्डे बंद.
यूरोपीय देशों डेनमार्क और नॉर्वे को सोमवार रात अपने प्रमुख हवाई अड्डों को अचानक बंद करना पड़ा. वजह थी एयरस्पेस में अनजान ड्रोन की मौजूदगी. डेनिश पुलिस ने बताया कि सोमवार शाम कोपेनहेगन एयरपोर्ट के पास दो से तीन बड़े ड्रोन उड़ते देखे गए. इसके बाद एयरस्पेस बंद कर दिया गया.
लगभग 20,000 यात्री प्रभावित हुए. 35 से ज्यादा उड़ानें दूसरे हवाई अड्डों की ओर डायवर्ट करनी पड़ीं. यात्रियों को चेतावनी दी गई कि देरी और उड़ानें रद्द होने की संभावना बनी रहेगी. इसी तरह नॉर्वे के ओस्लो एयरपोर्ट पर भी ड्रोन देखे गए, जिसके चलते एयरस्पेस को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा. करीब चार घंटे बाद एयरपोर्ट को दोबारा खोला गया.
क्या रूस से जुड़ा है मामला?
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब हाल ही में पोलैंड और एस्टोनिया में भी रूसी ड्रोन देखे जाने की खबरें सामने आई थीं. इसी वजह से डेनमार्क और नॉर्वे में दिखे ड्रोन पर भी रूस की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने सोशल मीडिया पोस्ट में इसे रूस द्वारा नाटो एयरस्पेस का उल्लंघन बताया, लेकिन कोई सबूत पेश नहीं किया. EU और NATO की ओर से अब तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है.
रूस की भूमिका से इनकार नहीं: डेनमार्क की पीएम
डेनिश पुलिस ने कहा कि अभी तक नॉर्वे और डेनमार्क की घटनाओं के बीच कोई सीधा संबंध नहीं मिला है. उधर डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेत्ते फ्रेड डरिक्सन ने आज सुबह पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस घटना में रूस की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है.
डेनमार्क की पीएम ने साथ में ये भी कहा कि हमने पोलैंड में ड्रोन देखे हैं, रोमानिया में गतिविधि देखी है, एस्तोनिया के हवाई क्षेत्र में उल्लंघन देखा है और यूरोपीय हवाई अड्डों पर हाल ही में साइबर हमले भी हुए हैं.अब डेनमार्क और नॉर्वे के ऊपर ड्रोन दिखाई दिए हैं. यह डेनमार्क के अहम ढांचे पर गंभीर हमला है. उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की कार्रवाई का मकसद हो सकता है अशांति और चिंता फैलाना, सीमाओं को परखना, स्थिति को अस्थिर करना.
पुलिस और सेना अलर्ट पर
पुलिस ने कहा कि ड्रोन कुशल ऑपरेटर की तरफ से उड़ाए गए थे, संभवतः केवल शो ऑफ करने के लिए. हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि उनका कोई हानिकारक उद्देश्य था. डेनिश पुलिस ने यह भी पुष्टि की कि इस घटना के बाद सशस्त्र बलों को सक्रिय किया गया, लेकिन रूस से जुड़े होने की संभावना पर कुछ कहने से इनकार किया.