*खूबसूरत पर्यटन स्थल दनगरी घाट तक पहुंच होगी आसान, मुख्यमंत्री विष्णुदेव…- भारत संपर्क

जशपुरनगर। घने जंगलों, कल-कल बहते झरनों, पहाड़ी नदियां, ऊँचे पहाड़ों और पठारों से घिरा जशपुर प्राकृतिक खूबसूरती का अद्वितीय खजाना है।पर्यटकों के लिए सहज आकर्षित करने वाले इन खूबसूरत पर्यटन स्थलों को मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर विकसित किया जा रहा है। इसका मकसद जशपुर की इन पर्यटन स्थलों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत पहचान देना है, साथ ही रोजगार के नए अवसर निर्मित करना है।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर हाल ही में बगीचा विकासखंड स्थित दनगरी घाट तक सुगम पहुंच दिलाने के लिए ग्राम पोड़ीखुर्द से ग्राम सुलेशा के बीच दनगरी घाट तक 13.60 किमी सड़क निर्माण हेतु 18.37 करोड़ रुपए की राशि की मंजूरी मिली है।इस सड़क के निर्माण हेतु आगे की प्रक्रिया जारी है। लोगों की यह बहुप्रतीक्षित मांग पूरा होने पर खुशी की लहर है। उन्होंने बताया कि इस पर्यटन क्षेत्र का विकास हो जाने से आसपास के ग्रामों को लाभ मिलेगा। जशपुर मुख्यालय से लगभग 88 किमी दूर घने जंगलों में स्थित यह झरना ऊँची चट्टानों से तीन-चार धाराओं में गिरता है। शांत, मनोहारी और रोमांच से भरपूर यह स्थान प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
*पर्यटन बन रही है जशपुर की नई पहचान*
मुख्यमंत्री ने 14 सितंबर को बगिया से सामुदायिक पर्यटन के तहत जशपुर के पांच ग्रामों में होम स्टे की शुरुआत की थी, जिनमें दनगरी भी शामिल है। यह नीति लागू करने का उद्देश्य रोजगार के नए अवसर निर्मित करने के साथ ही देश-दुनिया के पर्यटकों को यहां की समृद्ध आदिवासी संस्कृति, परंपराओं और लोकजीवन से परिचय करना ही है।मुख्यमंत्री के प्रयासों से ही मधेश्वर पहाड़ को शिवलिंग की विश्व की सबसे बड़ी प्राकृतिक प्रतिकृति के रूप में मान्यता मिली है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान मिला है। रिकॉर्ड बुक में ’लार्जेस्ट नेचुरल फैक्सिमिली ऑफ शिवलिंग’ के रूप में मधेश्वर पहाड़ को दर्ज किया गया है। जशपुर की पर्यटन स्थलों की जानकारी के लिए पर्यटन वेबसाइट में जगह दी गई है। जशपुर इस पर्यटन वेबसाइट में शामिल होने वाला प्रदेश का पहला जिला बन गया है। इस बेबसाइट के माध्यम से जशपुर की नैसर्गिक खूबसूरती की जानकारी पर्यटकों को आसानी से मिल सकेगी।