स्कूलों में कम हुआ ड्रॉपआउट दर, 13.8 फीसदी से घटकर हुआ 8.2%, जानें क्या कहती है…


ड्रॉपआउट रेट में कमी दर्ज की गई है.Image Credit source: getty images
स्कूलों में ड्रॉपआउट बच्चों की संख्या में कमी दर्ज की गई है. ड्रॉपआउट दर 2022-23 में 13.8 फीसदी से घटकर 2024-25 में 8.2 फीसदी हो गया है. केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MOSPI) की ओर से जारी ‘भारत में बच्चे 2025’ प्रकाशन के चौथे अंक में इस बात जिक्र किया गया है. 25 सितंबर को चंडीगढ़ में केंद्रीय और राज्य सांख्यिकीय संगठनों (COCSSO) के 29 वें सम्मेलन के दौरान प्रकाशन का चौथा अंक जारी किया गया.
‘भारत में बच्चे’ का प्रकाशन MoSPI की ओर से 2008 से किया जा रहा है. चंडीगढ़ में भारत में बच्चों की स्थिति पर इस बार चौथा अंक जारी किया गया. इसमें देश में बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, बाल संरक्षण आदि जैसे विभिन्न की मौजूदा स्थित बताई जाती है. प्रकाशन में आंकड़े केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और संगठनों से लिए गए हैं.
शिक्षा के स्तरों में समानता
भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 2024-25 के GPI आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर सभी शिक्षा स्तरों में समानता प्राप्त हो गई है, जिसमें माध्यमिक स्तर पर सूचकांक 1.1 के साथ सबसे अधिक है. अन्य स्तर पर भी शिक्षा में लड़के और लड़कियों में समानता दर्ज की गई है.

ड्रॉपआउट दर के आंकड़े
कितनी है ड्रॉपआउट दर?
‘भारत में बच्चे 2025’ के चौथे प्रकाशन के अनुसार 2024-25 के ड्रॉपआउट दर के आंकड़े 2023-24 और 2022-23 की तुलना में सभी शिक्षा स्तरों पर अच्छे हैं. प्रारंभिक चरण में, कुल ड्रॉपआउट दर 8.7% से घटकर 2.3% हो गई, जिसमें लड़के और लड़कियों दोनों के ड्रॉपआउट दर में कमी देखी गई. वहीं माध्यमिक स्तर पर यह दर 8.1% से घटकर 3.5% हो गया है. उच्च माध्यमिक स्तर के लिए यह दर 13.8 फीसदी (2022-23) से घटकर 2024-25 में 8.2 फीसदी हो गई है. कुल मिलाकर, ये आंकड़े छात्रों को स्कूल में बनाए रखने में उल्लेखनीय प्रगति दर्शाते हैं.
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