पाकिस्तान के दुश्मन TTP को चीन दे रहा हथियार? खुलासे से मुनीर आर्मी सन्न – भारत संपर्क


पाकिस्तान में हो रही है ड्रोन हमलों में बढ़ोतरी
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और पूर्व कबायली इलाकों में हाल के महीनों में ड्रोन और क्वाडकॉप्टर हमलों की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. इन हमलों ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है और आम नागरिकों के लिए भी नया खतरा खड़ा कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इत्तिहाद-ए-मुजाहिदीन पाकिस्तान और हाफिज गुल बहादुर समूह जैसे गुटों ने इस तकनीक का खुलकर इस्तेमाल शुरू कर दिया है.
जिसके बाद पाकिस्तान के सबसे बड़े दुश्मन टीटीपी ने भी इसे अपनी उपलब्धि के तौर पर प्रचारित करना शुरू कर दिया. सवाल यह उठ रहा है कि पाकिस्तान में आतंक मचाने वाले तालिबान गुटों के हाथों में यह तकनीक आखिर पहुंच कहां से रही है?
बच्चों की मौत से बढ़ा गुस्सा
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक 19 मई को उत्तरी वजीरिस्तान के होर्मुज गांव में हुए ड्रोन हमले में तीन मासूम बच्चे और एक युवक मारे गए. चार लोग घायल हुए. स्थानीय लोगों ने सुरक्षा एजेंसियों पर हमले रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाया. पाकिस्तानी सेना ने बयान जारी कर दावा किया कि ये हमला सुरक्षा बलों ने नहीं बल्कि आतंकवादी गुटों ने किया. हालांकि सेना की इस सफाई के बावजूद लोगों के ग़ुस्से और डर में कमी नहीं आई. बन्नू जिले के मेरियान पुलिस स्टेशन पर कुछ ही महीनों में 13 बार क्वाडकॉप्टर से हमला किया गया. इन हमलों में 10 पुलिसकर्मी घायल हुए.
क्वाडकॉप्टरों से किए जा रहे हैं हमलें
पुलिस का कहना है कि आतंकियों ने सामान्य वाणिज्यिक क्वाडकॉप्टरों को हथियार में बदला है. इनमें स्थानीय स्तर पर बने विस्फोटक लगाकर उन्हें ठिकानों पर गिराया जा रहा है. कई बार विस्फोटक फटते नहीं और हमले नाकाम हो जाते हैं, लेकिन डर का माहौल लगातार गहराता जा रहा है.
क्या चीन से आ रहे ये हथियार?
बीबीसी की एक खबर में खुलासा किया गया है कि आतंकियों की ओर से इस्तेमाल किए जा रहे ये क्वाडकॉप्टर अमेरिकी सैन्य ड्रोन जैसे नहीं हैं, बल्कि सस्ते चीनी क्वाडकॉप्टर हैं. रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान से जुड़े गुट इन्हें खरीदकर उनमें विस्फोटक लगाते हैं और हमलों में इस्तेमाल कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियों में दिखता है कि कैसे प्लास्टिक बोतलों में विस्फोटक भरकर, बैडमिंटन शटल जैसी चीजों से जोड़कर इन्हें ड्रोन से गिराया जाता है. ये तकनीक न केवल सस्ती है बल्कि आसानी से उपलब्ध भी है, जिससे आतंकियों को इसे अपनाने में मुश्किल नहीं हुई.
सुरक्षा बल इस चुनौती से कैसे निपट रहे हैं?
लगातार हो रहे हमलों के बीच सुरक्षा एजेंसियां पुलिस चौकियों और ठिकानों को मजबूत कर रही हैं. एंटी-ड्रोन तकनीक लगाई गई है और आधुनिक हथियार मुहैया कराए गए हैं. अब तक दो क्वाडकॉप्टर गिराए जाने की पुष्टि भी हुई है. बावजूद इसके, लगातार आसमान में मंडराते इन सस्ते चीनी क्वाडकॉप्टरों ने पूरे इलाके में डर का माहौल पैदा कर दिया है.