कोयला कर्मियों को मिलेगा 1 लाख 3 हजार बोनस, आधी रात को हुआ…- भारत संपर्क
कोयला कर्मियों को मिलेगा 1 लाख 3 हजार बोनस, आधी रात को हुआ निर्णय, बोनस से बाजार में आएगी रौनक
कोरबा। आधी रात को कोयला कामगारों के पीएलआर यानी बोनस पर मुहर लगा दी गई। 2025 के लिए एक लाख तीन हजार रुपए बोनस तय किया गया है। समझौता पत्र पर हस्ताक्षर भी कर दिए गए हैं।
कोलकाता के एक होटल में आयोजित हुई सीआईएल के जेबीसीसीआई- 11 की मानकीकरण समिति की छठवीं बैठक गहमागहमी वाली रही। गुरुवार शाम 5 बजे करीब बैठक शुरू हुई। सीआईएल प्रबंधन ने 2024- 25 के कामकाज और वित्तीय स्थिति की रिपार्ट प्रस्तुत की। पहले ठेका श्रमिकों के बोनस पर चर्चा की गई। इसके बाद सीआईएल प्रबंधन ने स्थाई कामगारों के लिए 90 हजार 800 रुपए बोनस का प्रस्ताव रखा। यूनियन प्रतिनिधियों ने इसे खारिज कर दिया। एचएमएस, इंटक ने तो डेढ़ लाख रुपए तक की मांग रखी। सीआईएल प्रबंधन 98500 पर अड़ गया। यूनियन ने 1.30 लाख रुपए की मांग रखी। इस बीच श्रमिक प्रतिनिधियों ने दो बार बैठक से वॉकआउट किया। प्रबंधन नेताओं को मनाने में लगा रहा। कुछेक नेताओं ने कहा कि कल बात करेंगे। अंतत: आधी रात को तीसरी बार बैठक शुरू हुई और एक लाख तीन हजार रुपए पर जाकर सहमति बनी। बोनस का लाभ सीआईएल और एसीसीएल के स्थाई कामगारों को मिलेगा। आज से निर्धारित पीएलआर यानी बोनस राशि का भुगतान शुरू हो जाएगा। 2024 के मुकाबले 2025 में बोनस राशि में 9,250 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। 2024 में 93,750 रुपए बोनस का भुगतान हुआ था। कोयला कर्मियों को मिलने वाले भारी भरकम बोनस से बाजार में रौनक आएगी। एक तरफ जीएसटी रिफॉर्म से व्यापारियों को अच्छे कारोबार की उम्मीद है। रेलवे, बालको के बाद अब कोयला कर्मियों का बोनस भी तय हो गया है।
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बालको कर्मियों को 1 लाख 89 हजार बोनस
बालको प्रबंधन ने अपने कर्मचारियों के लिए पिछले साल के बोनस में 15 प्रतिशत वृद्धि कर एक लाख 64 हजार 577 रुपए बोनस भुगतान किया था। इस बार भी 15 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। कर्मचारियों को अधिकतम एक लाख 89 हजार 264 रुपए बोनस दिया जाएगा। पिछले साल की तुलना में बोनस में 24 हजार 686 रुपए तक की बढ़ोतरी हुई है। बोनस पर सहमति बनने के बाद कर्मचारियों में खुशी की लहर है। दुर्गाष्टमी के दिन कर्मियों को बोनस मिल जाएगा। बालकों में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को भी अलग से बोनस प्रदान किया जाएगा। आउटसोर्सिंग के अंतर्गत अलग-अलग श्रेणी में बालकों में कार्यरत लगभग 8300 कर्मचारियों को बोनस मिलेगा। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को उनके मूल वेतन का बेसिक और एचआरए की राशि को मिलाकर उसका 8.33 प्रतिशत बोनस( एक्सग्रेशिया) के तौर पर दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि ठेका कर्मचारियों को उनके श्रेणी के अनुसार न्यूनतम 12 हजार और अधिकतम 30हजार रुपए तक बोनस मिलेगा। इसे बालकों में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों में भी उत्साह का माहौल है।
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रेल कर्मियों का भी बोनस फाइनल
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्पादकता से जुड़े कोरबा जिले के लगभग 1200 से अधिक रेलवे कर्मचारियों को लगभग दो करोड़ 15 लाख रुपए से अधिक बोनस को मंजूरी दी है। प्रत्येक कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर अधिकतम देय पीएलबी राशि 17 हजार 951 रुपए बोनस मिलेगा। इसे लेकर कर्मचारियों में उत्साह का माहौल है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर मंडल अंतर्गत कोरबा जिले में लगभग एक हजार से अधिक रेलवे कर्मचारी उत्पादकता से जुड़े हुए हैं। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कोयला लदान कार्य में शामिल है। कोरबा के इन कर्मचारियों के सहयोग से एसईसीआर जोन ने वर्ष 2024-25 में लगभग 253 मिलियन टन माल ढुलाई किया था, यह पिछले साल की तुलना में लगभग सात फीसदी से अधिक दर्ज लदान किया गया था। इसमें कोरबा के गेवरा, दीपका, कुसमुंडा, मानिकपुर व जुनाडीह साइडिंग की बदौलत कोयला लदान 194.7 मिलियन टन किया गया था, यह सभी जोनों पर सर्वाधिक था। इसे देखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मां दुर्गा पूजा आर दशहरा उत्सव पर बोनस को मंजूरी दी है। प्रबंधन ने बताया कि प्रत्येक अराजपत्रित रेल कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर पीएलबी राशि 17 हजार 951 रुपए प्राप्त होंगे। राशि विभिन्न श्रेणियों के रेल कर्मचारियों जैसे ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, सुपरवाइजर, तकनीशियन, तकनीशियन हेल्पर, पॉइंट्समैन, मंत्रालयिक कर्मचारी और अन्य ग्रुप-सी कर्मचारियों को दी जाएगी। इसे लेकर रेल कर्मचारियों में खासा उत्साह है। लेकिन कर्मचारियों में एक तरफ नाराजगी भी सामने आ रही है।
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आईएनएमएफ के प्रतिनिधि भी हुए शामिल
कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश के बाद इंडियन नेशनल माइन वर्कर फेडरेशन (आईएनएमएफ) के प्रतिनिधि भी कोलकाता में आयोजित मानकीकरण कमेटी की बैठक में बोनस के मुद्दे पर चर्चा के लिए शामिल हुए। आईएनएमएफ की ओर से एसक्यू जामा, कुमार जयमंगल और जनक प्रसाद शामिल हुए। आईएनएमएफ का स्टैंड रहा कि वह कोर्ट के आदेश पर बैठक में शामिल हुए हैं। इसलिए उनके प्रतिनिधि सीआईएल की सुविधा को नकारते हुए ख़ुद अपने खर्चे पर बैठक में आए हैं। हमारी जवाबदेही मज़दूरो के प्रति है इसलिए हम उनके ह$क और फायदे पर ही मानेंगे ना की मैनेजमेंट के आकड़ो को। कोल इंडिया के मुनाफे एवं अन्य सभी खर्चो को देखते हुए हम सम्मानजनक राशि पर मानेंगे अन्यथा नहीं।