पूर्णिया में भीषण हादसा, तेज रफ्तार में स्कॉर्पियो पूजा पंडाल में घुसी,…


पंडाल में जा घुसी कार
बिहार के पूर्णिया जिले से विजयादशमी के दिन एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. जिले के बायसी थाना क्षेत्र के बैरिया गांव में प्रतिमा विसर्जन की तैयारी के दौरान एक अनियंत्रित स्कॉर्पियो कार तेज रफ्तार में पूजा पंडाल में जा घुसी. गाड़ी ने वहां पर बैठे पुजारी और चार महिलाओं को अपनी चपेट में ले लिया. हादसे में पुजारी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चारों महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गईं.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मंगलवार की शाम को बैरिया गांव के लोग प्रतिमा विसर्जन की तैयारी में जुटे हुए थे. उसी समय गांव का ही एक युवक तेज गति से स्कॉर्पियो लेकर आया. बताया जाता है कि वाहन चालक ने अचानक गाड़ी से नियंत्रण खो दिया और यह सीधे पूजा पंडाल में घुस गई. स्कॉर्पियो पंडाल के एक हिस्से से प्रवेश कर दूसरी ओर से निकलते हुए समीप के खेत में पलट गई. इस दौरान वहां बैठे पुजारी भगवत मंडल और चार महिलाओं को कुचल दिया गया.
घटना के तुरंत बाद अफरा-तफरी मच गई. ग्रामीणों ने किसी तरह सभी घायलों को ऑटो की मदद से बायसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने का प्रयास किया, लेकिन रास्ते में ही पुजारी भगवत मंडल ने दम तोड़ दिया. वहीं, चारों घायल महिलाओं की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए पूर्णियां सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया.
घायलों को अस्पताल भेजा गया
हादसे में गाड़ी पर सवार तीन लोगों को भी हल्की चोटें आईं. इस बीच मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने गाड़ी से गुलाम मुस्तफा नामक शख्स और उसके दो साथियों को पकड़ लिया. हालांकि, थोड़ी ही देर बाद उनके परिजन वहां पहुंच गए और भीड़ से उन्हें छुड़ाकर ले गए. घटना की सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंची और उसने घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भिजवाया. फिलहाल इस मामले में किसी भी आरोपी पर कार्रवाई की खबर सामने नहीं आई है. वहीं, प्रशासन ने स्थिति को काबू में रखने के लिए गांव में पुलिस बल की तैनाती कर दी है.
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
हादसे के बाद पूरे इलाके में गुस्से का माहौल है. हिंदू समुदाय के लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है और लोग प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि विजयादशमी जैसे पावन अवसर पर इस तरह की लापरवाही असहनीय है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
हालांकि, पुलिस और प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद शाम को गांव में प्रतिमा का शांतिपूर्ण ढंग से विसर्जन कर दिया गया. वरिष्ठ अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं ताकि किसी भी तरह का विवाद या तनाव न बढ़े.