शरजील इमाम ने बिहार चुनाव लड़ने के लिए मांगी अंतरिम जमानत, जानें याचिका में…

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शरजील इमाम ने बिहार चुनाव लड़ने के लिए मांगी अंतरिम जमानत, जानें याचिका में…
शरजील इमाम ने बिहार चुनाव लड़ने के लिए मांगी अंतरिम जमानत, जानें याचिका में क्या कहा

शरजील इमाम

दिल्ली दंगों के आरोपी शरजील इमाम ने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अंतरिम जमानत मांगी है. फरवरी 2020 में दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट इलाकों में हुए दंगों के आरोपी शरजील ने कड़कड़डूमा कोर्ट में याचिका दायर की है. इसमें उन्होंने बिहार चुनाव में बहादुरगंज से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ने के लिए 14 दिन की अंतरिम जमानत मांगी है.

याचिका में कहा गया है, मैं किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा हूं. न्यायालय मंगलवार को शरजील इमाम की याचिका पर सुनवाई कर सकता है. बता दें कि शरजील जेएनयू के पूर्व छात्र नेता और 2020 के दिल्ली दंगों के आरोपी हैं, जो कि दंगों के पीछे बड़ी साजिश के आरोपों में यूएपीए के तहत जेल में बंद हैं.

शरजील ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

बीते महीने शरजील नेजमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी और अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि विरोध के नाम पर हुई हिंसा को अभिव्यक्ति की आजादी नहीं कहा जा सकता.

शरजील ने इसके बाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर कर हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी.दिल्ली हाई कोर्ट ने 2 सितंबर को शरजील के अलावा सह-आरोपियों उमर खालिद, अतर खान, खालिद सैफी, मोहम्मद सलीम खान, शिफा-उर-रहमान, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा और शादाब अहमद को भी जमानत देने से इनकार कर दिया था.

दोनों ने सांप्रदायिक आधार पर भड़काऊ भाषण दिए

कोर्ट ने शरजील और उमर खालिद की याचिकाओं को खारिज करते हुएकहा था कि उनकी भूमिका गंभीर प्रतीत होती है. दोनों ने सांप्रदायिक आधार पर भड़काऊ भाषण दिए और मुस्लिम समुदाय के लोगों को बड़ी संख्या में जुटने के लिए प्रेरित किया. कोर्ट ने साफ किया था कि केस की प्रक्रिया स्वाभाविक गति से आगे बढ़नी चाहिए और किसी तरह की जल्दबाजी में ट्रायल चलाना न तो आरोपियों के लिए और न ही राज्य के लिए सही होगा.

शरजील पर आरोप है कि वो दंगों के पीछे साजिशकर्ता थे. कोर्ट ने 2022, 2023 और 2024 में दायर याचिकाओं पर 9 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.अभियोजन पक्ष ने दलीलों का विरोध करते हुए कहा था कि यह दंगे अचानक नहीं हुए थे, बल्कि ये पहले से योजना बना कर किए गए थे.

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