दिल्ली सरकारी स्कूल के ‘छात्र’ ओपन स्कूल से भी हो रहे हैं फेल, पिछले 4 सालों में…
एग्जाम देते छात्र (सांकेतिक तस्वीर)
दिल्ली सरकार के छात्रों को ओपन स्कूल से बोर्ड एग्जाम दिलाने वाले प्रोजेक्ट पर सवाल उठने लगे हैं. असल मेंदिल्ली में ओपन स्कूल में भी छात्र फेल हो रहे हैं. इसको लेकर पिछले सालों के आंकड़े सामने आए हैं, जिसमें पिछले 4 साल में ओपन बोर्ड से 10वीं की परीक्षा देने वाले दिल्ली के 70 फीसदी छात्र फेल हो गए हैं. ऐसे में दिल्ली सरकार के ओपन स्कूल प्रोजेक्ट पर अब सवाल उठने लगे हैं.
आइए जानते हैं कि दिल्ली सरकारी का ओपन स्कूल प्रोजेक्ट क्या है? क्यों दिल्ली सरकार छात्राें को ओपन स्कूल से बोर्ड दिलाती है? कितने छात्र फेल हुए हैं?
क्या है दिल्ली सरकार का ओपन स्कूल प्रोजेक्ट
असल में दिल्ली सरकार ने दिल्ली एक दशक से ओपन स्कूल प्रोजेक्ट शुरू किया हुआ है. इस प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली सरकार का शिक्षा निदेशालय सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों को ओपन स्कूल यानी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल (NIOS) से 10वीं और 12वीं बोर्ड एग्जाम के लिए प्रोत्साहित करता है. मसलन, इस प्रोजेक्ट के तहत सरकारी स्कूलों में 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ रहे पढ़ाई में कमजोर या फेल छात्रों को ओपन स्कूल से 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा दिलाई जाती है. हालांकि इन छात्रों के लिए निदेशालय अलग से कक्षाएं आयोजित करता है. आम आदमी पार्टी सरकार में इसकी काफी आलोचना भी हुई थी, जिसे सरकारी स्कूलों के बोर्ड परिणाम सुधारने की कवायद के तौर पर देखा जाता था.
2024 में सिर्फ 37 फीसदी ही पास हुए
न्यूज एंजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार साल 2024 में NIOS प्रोजेक्ट के तहत 10वीं बोर्ड के लिए 7,794 छात्रों का रजिस्ट्रेशन कराया गया था, जिसमें से सिर्फ 37 फीसदी यानी 2,842 ही परीक्षा में पास हुए हैं. पीटीआई ने ये जानकारी आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी के अनुसार दी है.
शिक्षा निदेशालय से मांगी गई जानकारी के आधार पर पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस प्रोजेक्ट के तहत 2017 में 8,563 छात्रों में से 3,748 छात्र पास हुए है. इसी तरह 2018 में 18,344 छात्रों में से 12,096, साल 2019 में 18,624 छात्रों में से 17,737, साल 2020 में 15,061 छात्रों में से 14,995, साल2021 में 11,322 छात्रों में से 2,760 छात्र पास हुए है, जबकि साल 2022 में 10,598 और 2023 में 29,436 छात्रों में से क्रमश: 3,480 और 7,658 छात्र ही परीक्षा पास हुए. यानी पिछले चार सालों में एनआईओएस से केवल 30 फीसदी छात्र ही परीक्षा पास कर सके.
ये भी पढ़ें- NCERT ने शिक्षकों के लिए शुरू किया गाइडेंस एंड काउंसलिंग डिप्लोमा कोर्स, 5 नवंबर तक कर सकते हैं आवेदन
