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चुनावी चंदा घोटाला के लिए भाजपा की मान्यता रद्द की जाए, मोदी सरकार ने कंपनियों पर ईडी, सीबीआई से छापा मरवाकर भाजपा के लिए वसूला चंदा: सुरेंद्र प्रताप जायसवाल

कोरबा। इलेक्टोरल बांड से संबंधित जो जानकारी सामने आई है। उससे साफ हो गया कि इलेक्टोरल बांड मोदी सरकार द्वारा भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिये लाया गया था। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा चुनावी चंदा घोटाला है। मोदी सरकार ने व्यवसायिक संस्थानों को केन्द्रीय एजेंसियो के माध्यम से डराकर छापे मारवाकर गलत कार्यवाही करवा कर इलेक्टोरल बांड के माध्यम से वसूली करवाया। इलेक्टोरल बांड के माध्यम से मोदी सरकार ने घूस भी वसूला। जिन कंपनियों ने भाजपा को चुनावी चंदा दिया उनको हजारों करोड़ रु. के ठेके दिये गये।जिन कंपनियों ने भाजपा को चंदा दिया उनके खिलाफ मनीलाड्रिंग की कार्यवाही मोदी सरकार ने रूकवा दिया। उक्त बातें प्रेस क्लब तिलक भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण अध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप जायसवाल ने कही। उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल बांड से जुडी जानकारी सामने आने के बाद यह साफ हो गया की भाजपा ने अपने आर्थिक लाभ के लिए सारा षड्यंत्र किया। इसीलिए स्टेट बैंक इसको छुपाना चाह फिर थी जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार 1,300 से अधिक कंपनियों और व्यक्तियों ने इलेक्टोरल बाड़ के रूप में दान दिया है। 2019 के बाद से भाजपा को 6,000 करोड़ से अधिक का दान मिला है। ऐसी कई कंपनियों के मामले हैं जिन्होंने इलेक्टोरल बांड दान किया है और इसके तुरंत बाद इन कंपनियों ने मोदी सरकार से भारी लाभ प्राप्त किया है। श्री जायसवाल ने कहा कि मेचा इंजीनियरिंग एंड इंशा ने 800 करोड़ रुपए से अधिक इलेक्टोरल बॉन्ड में दिए हैं। अप्रैल 2023 में, उन्होंने 140 करोड़ डोनेट किया और ठीक एक महीने बाद, उन्हें 14,400 करोड़ रुपए की ठाणे-बोरीवली ट्विन टनल प्रोजेक्ट मिल गया। जिंदल स्टील एंड पावर ने 7 अक्टूबर 2022 की इलेक्टोरल बॉन्ड में 25 करोड़ रुपए दिए और सिर्फ 3 दिन बाद यह 10 अक्टूबर 2022 को गारे पाल्मा 4/6 कोयला खदान हासिल करने में कामयाब हो गया। भाजपा ने इलेक्टोरल बांड के माध्यम से हफ्ता वसूली किया। ईडी, सीबीआई,आईटी के माध्यम से किसी कंपनी पर छापा मारो और फिर कंपनी की सुरक्षा के लिए हफ्ता (‘दान’) वसूला। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ ईडी के पत्र के आधार पर ईओडब्लू के द्वारा लिखी गई एफआईआर पर कांग्रेस ने सवाल खड़ा किया है। ईडी की जांच और ईओडब्लू के एफआईआर में राजनैतिक षडयंत्र साफ दिख रहा है। लोकसभा चुनाव के पहले ही यह एफआईआर क्यों दर्ज की गई ? प्रेस कांफ्रेंस में जिलाध्यक्ष शहर सपना चौहान, पूर्व निगम सभापति संतोष राठौर, कुसमुंडा मंडल अध्यक्ष सानिष कुमार, राजेंद्र तिवारी मौजूद रहे।

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