CBI जांच होनी चाहिए, कुछ भी हो सकता है कारण… मुख्तार की मौत पर बोले पूर्व… – भारत संपर्क
पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह
आज माफिया मुख्तार अंसारी को गाजीपुर के कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है. वहीं उनकी मौत की वजह पर मचा बवाल भी कम होने का नाम नहीं ले रहा है. दरअसल मुख्तार अंसारी की शुरुआती पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई है. जिसके मुताबिक उनकी मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि मुख्तार की मौत 28 मार्च रात 9 बजकर 50 मिनट पर हुई थी. लेकिन विपक्ष ये बात मानने को तैयार नहीं है.
इसी बीच पूर्व DGP सुलखान सिंह ने भी मुख़्तार अंसारी की मौत के मामले पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने टीवी9 से खास बातचीत में कहा कि इस मामले पर सीबीआई जांच होनी चाहिए. साथ ही कहा कि पुलिस कुछ भी कर सकती है. जेल में बंद मुख्तार अंसारी की मौत के मामले में तमाम प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं. परिवार के लोगों से लेकर राजनीतिक पार्टियां भी सवाल उठा रही है. ऐसे में प्रदेश के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर सवाल उठाया है.
पूर्व डीजीपी ने क्य़ा कहा?
टीवी9 भारतवर्ष से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि मुख्तार को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं. आखिर अचानक कैसे उसकी मौत हो गई. सब कुछ अचानक हुआ. ऐसे में प्रदेश सरकार यानी योगी सरकार को इस मामले की तत्काल सीबीआई जांच करानी चाहिए ताकी सच्चाई सबके सामने आ सके. पूर्व डीजीपी ने आगे कहा कि वह पुलिस की कस्टडी में थे. उन्होंने न्यायालय में आरोप भी लगाया था कि उन्हें स्लो पॉयजन दिया जा रहा है. इसलिए इस विषय पर जांच होनी चाहिए.
परिजनों का आरोप- दिया गया जहर
आपको बता दें कि मुख्तार अंसारी ने बीते दिनों उन्हें स्लो पॉयजन दिए जाने का आरोप लगाया था. उनकी मौत के बाद उनके बेटे और बाकी परिवारजनों ने भी इस बात की आशंका जताई है कि उन्हें जहर दिया गया है और मुख्तार की हत्या की गई है. जहर दिए जाने की जानकारी खुद मुख्तार ने अपने परिजनों को फोन पर दी थी. परिजनों के आरोपों के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच परिजनों की मौजूदगी में बांदा मेडिकल कॉलेज में मुख्तार का पोस्टमार्टम कराया गया था. परिजनों का कहना था कि शव का पोस्टमार्टम एम्स के डॉक्टरों की निगरानी में किया जाए. हालांकि ऐसा नहीं हुआ. रिपोर्ट के हिसाब से मुख्तार की मौत 28 मार्च की रात 9 बजकर 50 मिनट पर हुई थी.
रिपोर्टर- पंकज चतुर्वेदी