बड़े-बड़े निजी अस्पताल और एम्स में नहीं बल्कि प्रदेश के…- भारत संपर्क

आजकल साधारण हैसियत का आदमी भी अपने बच्चों को महंगे स्कूलों में पढ़ता है और बीमार पड़ने पर महंगे और बड़े निजी अस्पतालों में इलाज करता है। इस दौर में क्या कोई कल्पना कर सकता है कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के बड़े पिताजी सरकारी अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं । यह बात किसी कहानी का हिस्सा लगती है लेकिन है बिल्कुल हकीकत। वैसे तो प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के एक फोन पर कोई भी निजी अस्पताल भी खुशी-खुशी उनके बड़े पिताजी का इलाज करने को सहर्ष तैयार हो जाता, लेकिन आदर्श और सादगी का परिचय देते हुए वे अपने पिता के बड़े भाई का इलाज बिलासपुर के एक सरकारी अस्पताल में करा रहे हैं।

चिरमिरी, रतनपुर खरगंवा में रहने वाले 80 वर्षीय बद्री प्रसाद जायसवाल लंबे समय से कमर दर्द की समस्या से जूझ रहे हैं। इससे पहले भी उन्होंने बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में अपना इलाज कराया, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। जब उन्हें जानकारी हुई कि उनका भतीजा प्रदेश का स्वास्थ्य मंत्री बन चुका है तो उन्होंने श्याम बिहारी जायसवाल से भी इस पर चर्चा की। आपस में सलाह मशवरा के बाद निर्णय लिया गया कि बद्री प्रसाद जायसवाल बिलासपुर के जिला अस्पताल में अपना इलाज कराएंगे। इसके बाद अपने इलाज के लिए बद्री प्रसाद जायसवाल बिलासपुर जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हो गए हैं। लोग इस बात पर हैरानी जाता रहे हैं कि छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री होने के बाद भी उन्होंने प्रदेश के बड़े-बड़े निजी और शासकीय अस्पताल को छोड़कर बिलासपुर के जिला अस्पताल को इलाज के लिए चुना है । इससे प्रदेश के उन हजारों लाखों लोगों का भरोसा भी ऐसे सरकारी अस्पतालों पर बढ़ेगा जिनकी जिम्मेदारी स्वास्थ्य मंत्री के कंधे पर है।

सिर्फ दिखावे के लिए आदर्श की बाते नहीं बल्कि इसे चरितार्थ कर मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने दिखाया है। फिलहाल जिला अस्पताल में अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विजय मिश्रा द्वारा बद्री प्रसाद जायसवाल का इलाज किया जा रहा है ।साथ ही स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल भी लगातार इलाज की जानकारी लेकर मॉनिटरिंग कर रहे हैं ।ऐसा शायद छत्तीसगढ़ में पहली बार हो रहा है जब यहां के किसी स्वास्थ्य मंत्री के इतने करीबी रिश्तेदार का इलाज जिला अस्पताल में हो रहा है, इसलिए यह चर्चा का विषय बन गया है।