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खरमास समापन होते ही फिर गूंजेगी शहनाई, विवाह मुहूर्त 18 अप्रैल से शुरू

कोरबा। आगामी 14 अप्रैल को खरमास के समापन के बाद विभिन्न मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे, लेकिन विवाह मुहूर्त 18 अप्रैल से शुरू होंगे। 22 अप्रैल तक 5 दिनों में शहर में शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में जोड़े दांपत्य सूत्र में बंधेंगे।ज्योतिषाचार्यों के अनुसार अप्रैल से दिसंबर तक केवल 32 दिन ही विवाह की शहनाइयां बजेंगी। दरअसल, मई व जून में विवाह मुहूर्त नहीं होने की वजह विवाह बृहस्पति और शुक्र ग्रह का अस्त होना है। विवाह इन दोनों ग्रहों के उदित रहने पर ही किए जाते हैं। ज्योतिषी के अनुसार अप्रैल के बाद विवाह 3 जुलाई से शुरू होंगे। अंतिम विवाह मुहूर्त 15 जुलाई को रहेगा। इसके बाद 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू होगा, जो 12 नवंबर को देव उठनी एकादशी पर समाप्त होगा। इस कारण से अगस्त, सितंबर और अक्टूबर माह में भी विवाह नहीं होंगे। खरीद-फरोख्त चलती रहेगी देवशयनी अवधि में पूजा-पाठ, हवन, पूजन होंगे और सभी प्रकार के सामान की खरीद-फरोख्त भी चलती रहेगी। । जयोतिष के अनुसार 3 मई को बेहद शुभ दिन होता है। अक्षय तृतीया के रोज यानी 3 मई शुभ कार्यों के लिए सर्वाधिक अनुकूल है। इस दिन कोई पंचांग देखें और पत्रा देखें शादी-समारोह के अलावा अन्य शुभ कार्य भी इस दिन किए जा सकते हैं। शुभ मुहूर्त के कारण में बाजार में खरीदारी बढ़ने के आसार है। इसके मद्देजर व्यवसायी अभी इसकी तैयारी में जुट गए हैं। शहर के शादी घर भी बुक होने लगे हैं।
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इस साल के मुहूर्त
इस साल के शेष विवाह मुहूर्त अप्रैल- 18 से 22 ( 5 दिन) जुलाई- 3,9 से 15 ( 8 दिन) नवंबर- 16 से 18,22 से 26,28 (9 दिन) दिसंबर- 2 से 5, 9 से 11 13 से 15 (10 दिन)
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दो ग्रह अस्त तो मुहूर्त नहीं
2 जून को बृहस्पति उदित होंगे, लेकिन शुक्र 29 जून तक अस्त रहेगा। शुक्र 30 की रात 9.43 बजे पर उदित होंगे। इस करण मई व जून में विवाह नहीं होंगे। आवश्यक होने पर कुछ जोड़े 10 मई को अक्षय तृतीया पर विवाह कर सकते हैं, ऐसी संभावना है।ज्योतिषी ने बताया कि सूर्य का बृहस्पति की राशि धनु और मीन में रहना खरमास कहलाता है। इस दौरान विवाह और मांगलिक कार्य नहीं होते। सूर्य के मीन से मेष राशि में 13 अप्रैल की रात 11:18 बजे प्रवेश के साथ ही खरमास खत्म हो जाएगा। इसके बाद विवाह 3 जुलाई से शुरू होंगे। अंतिम विवाह मुहूर्त 15 जुलाई को रहेगा। इसके बाद 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू होगा, जो 12 नवंबर को देव उठनी एकादशी पर समाप्त होगा। इस कारण से अगस्त, सितंबर और अक्टूबर माह में भी विवाह नहीं होंगे।

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