बिलासपुर के छठ घाट से निकली भव्य कांवड़ यात्रा, शिव भक्त 9…- भारत संपर्क



इस सोमवार को बिलासपुर में जय वंदे मातरम संगठन और सर्व हिंदू समाज द्वारा भव्य कांवड़ यात्रा निकाली गई, जिसमें सैकड़ो की संख्या में सनातनी शिव भक्त शामिल हुए । आयोजन का यह दूसरा वर्ष है।
सावन महीने में 12 ज्योतिर्लिंगों के साथ प्रमुख शिवालयों में जलाभिषेक को परम पुण्यकारी माना जाता है। इस अवसर पर कांवरिये बाबा बैजनाथ धाम जाकर जलाभिषेक करते हैं। इसके लिए सुल्तानगंज से जल भरकर कांवरिये करीब 100 किलोमीटर की पदयात्रा करते हुए बाबा धाम पहुंचते हैं।

जो शिव भक्त बाबा धाम नहीं जा पाते हैं उनके लिए विगत दो वर्षों से बिलासपुर में भी भव्य कावड़ यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। सोमवार सुबह भगवा वस्त्र और सुंदर ढंग से कांवर सजाकर शिव भक्त छठ घाट पहुंचे, जहां अरपा नदी का पवित्र जल लेकर इस कांवर यात्रा की शुरुआत हुई । पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच के अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र कुमार दास और समिति के सदस्यों ने पुष्प वर्षा कर कांवड़ियों का स्वागत किया। पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच के अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र दास ने कहा कि यह आनंद का विषय है कि इस पवित्र यात्रा का शुभारंभ छठ घाट से हो रहा है। उन्होंने इससे सनातन के और भी मजबूत होने की बात कही। उन्होंने कहा कि छठ पूजा के आयोजन से यह घाट वैसे ही पवित्र है, साथ ही सनातन के सभी धार्मिक संस्कार इसी घाट में होते हैं। इसी घाट से कावड़ यात्रा आरंभ होने से इसकी पवित्रता और महत्ता और बढ़ गई है।

सर्व हिंदू समाज द्वारा आयोजित इस भव्य कांवर यात्रा में स्वस्फूर्त ढंग से कांवरिये पहुंचे । इस वर्ष इसमें महिलाओं की संख्या उल्लेखनिय रही। साथ ही बड़ी संख्या में बच्चे भी कावड़ यात्रा में सम्मिलित हुए। आयोजकों ने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि यह बच्चे ही आश्वस्त कर रहे हैं कि सनातन परंपराएं भविष्य में भी सुरक्षित हाथों में रहेगी। साथ ही कावड़ यात्रा में शामिल सभी भक्तों ने आयोजन को लेकर प्रसन्नता जाहिर की।

आयोजन समिति द्वारा पिछले कुछ दिनों से इस आयोजन को भव्य बनाने की तैयारी की जा रही थी, जो इस बात से प्रसन्न दिखे कि बिलासपुर के शिव भक्तों में भी उत्साह की कोई कमी नहीं है और सभी अपनी-अपनी तैयारी से सोमवार सुबह घाट पर पहुंच गए, तो वहीं रास्ते भर कांवरिये यात्रा के साथ जुड़ते रहे। कुछ कांवरिये तो विशाल कलश और जेरीकेन में जल ले जाते दिखे।

बिलासपुर छठ घाट से बोल बम के नारे और शिव भजन के साथ निकली कांवड़ यात्रा का रास्ते भर जगह-जगह स्वागत किया गया। मुख्य मार्गो से गुजर कर करीब 9 किलोमीटर की दूरी तय कर यह यात्रा सरकंडा जोरापारा स्थित नंदेश्वर महादेव मंदिर पहुंची, जहां भक्तों ने कांवर के जल से भोले भंडारी का अभिषेक किया । यहां प्रसाद का वितरण किया गया। जो सनातनी बाबा धाम नहीं जा पाए उन्होंने इस कावड़ यात्रा में सम्मिलित होकर अपनी भक्ति और समर्पण शिवजी को अर्पित की। इधर सावन के तीसरे सोमवार पर सभी शिवालयों में भी सुबह से ही भक्तों की भीड़ नजर आई। अलग-अलग शिव मंदिरों में पहुंचकर भक्तों ने भोले बाबा की पूजा अर्चना की।
