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प्रार्थी ही निकला आरोपी, लूट में सुरक्षा गार्ड ने ही साथियों के साथ मिलकर घटना को दिया था अंजाम, 5 गिरफ्तार, तीन आरोपी फरार, प्रेसवार्ता में खुलासा

कोरबा। बांकी मोंगरा पुलिस ने एसईसीएल सुराकछार मेन माइंस कांटाघर नंबर 3 में हुई लूट का मामला सुलझा लिया है। सुरक्षा गार्ड ही घटना का मास्टरमाइंड निकला। सुरक्षा गार्ड ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर घटना करवाई थी। पुलिस ने सुरक्षा गार्ड समेत चार अन्य आरोपियों को पकड़ा है। तीन आरोपी फरार हैं। पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से कांटाघर से चोरी किए गए सामग्री को बरामद किया गया है।
पुलिस ने सुरक्षा गार्ड पुरेन्द्र कुमार मन्नेवार पित्ता स्व. शोभाराम उम्र 30 साल साकिन अमरूवा थाना सारागांव जिला जांजगीर हा. मु. एसबीएस कालोनी क्वा. नं. एलसीएच 8 चौकी मानिकपुर, अश्वनी कैवर्त पिता सुरेश कुमार कैवर्त उम्र 31 वर्ष साकिन 01 नंबर दफाई सुराकछार, मुकेश साहु पिता स्व. दुखीराम साहु उम्र 40 साल साकिन पंखादफाई, राकेश साहु पिता मनीराम साहु उम्र 29 साल साकिन कपाटमुड़ा जोन कार्यालय के पास थाना कुसमुण्डा और देवीनारायण उर्फ मनखा उर्फ मोन्टू पिता जोगिन्दर चौधरी उम्र 26 साल साकिन घुड़देवा पानी टंकी के पीछे को पकड़ा है। प्रार्थी पुरेन्द्र कुमार मन्नेवार ने लिखित आवेदन पत्र पेश कर प्रथम सूचना दर्ज कराया कि 12-13 अगस्त की दरम्यानी रात सुराकछार मेन माइंस एसईसीएल रोड काटाघर नंबर 3 की चौकीदार सुरक्षा में तैनात था। रात्रि 02:30 बजे लगभग 3-4 की संख्या में अज्ञात चोर आकर सुरक्षा कर्मी को बंधक बनाकर कांटाघर में लगे बैटरी, कम्प्यूटर सिस्टम, सीसीटीवी का एनवीआर एवं प्रार्थी के मोबाईल को चोरी कर ले गये तथा अन्य सम्पत्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया। प्रार्थी की रिपोर्ट पर अपराध क्र. 130/2024 धारा 127 (2).331(6), 324(6), 309(4), 309 (6), 3(5) बीएनएस अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध पंजीबद्ध कर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया। विवेचना दौरान घटनास्थल निरीक्षण, घटनास्थल से आरोपियों द्वारा प्रार्थी को बांधने में उपयोग रस्सी को जप्त किया गया। प्रकरण में प्रार्थी के चोरी हुए मोबाईल को अश्वनी कैवर्त से बरामद किया। आरोपी अश्वनी कैवर्त को तलब कर पूछताछ करने पर अपराध का घटित करना स्वीकार किया। मेमोरण्डम कथन के आधार पर राकेश साहु एवं मुकेश साहू को तलब कर पूछताछ किया गया जिसमें उन्होंने बताया की अपने अन्य साथियों के साथ इस प्रकरण के प्रार्थी एसईसीएल सुरक्षा गार्ड पुरेन्द्र कुमार मन्नेवार के साथ मिलकर रचा था। अपराधिक षड्यंत्र घटना दृश्य निर्मित कर अपराध घटित कर अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध एफआईआर कराने की परिकल्पना के आधार पर 12 अगस्त को योजनाबद्ध तरीके से घटनास्थल पहुंचे तथा आरोपी राकेश और मुकेश के द्वारा कोई आने पर सूचित करने के लिए चौकीदारी कर आदमी देखना बताया। घटनास्थल पहुंचकर पूर्व योजना अनुसार आरोपी पुरेन्द्र के द्वारा मिथ्या साक्ष्य गढ़ते हुए अपने फुल पैन्ट को आरोपी अश्वनी के द्वारा अपने घर से लाये सब्जी काटने वाले चाकू से काटकर साक्ष्य गढ़ा गया। उसके पश्चात खुद को आरोपी पुरेन्द्र ने लोहे के खंभा पोल में अपने साथ लाये रस्सी से बंधवा लिया तथा घटना को अमलीजामा पहनाने मिथ्या साक्ष्य गढ़ते हुए हेक्सा ब्लेड से हल्की चोंट अपने माथा में आरोपी अश्वनी से लगवा लिया तथा बांये पैर में चोट पहुंचवा लिया। तत्पश्चात रोड कांटाघर की चाबी जिसे अपने पाकिट में रखा था जिसे निकालकर अपने साथी आरोपियों को देकर अंदर योजनाबद्ध तरीके से कांटाघर अंदर भेज दिया। जहां से बैटरी, डीवीआर, कम्प्यूटर सेट को चोरी करवा दिया। तत्पश्चात बुलाकर अपने पाकिट में रखे अपने मोबाईल को भी आरोपी अश्वनी कैवर्त को दे दिया। आरोपी प्रार्थी पुरेन्द्र के पेश करने पर उसका ईलाज पर्ची एवं निर्मित साक्ष्य कटे हुए पैन्ट को जप्त किया गया। मामले में आरोपी अश्वनी कैवर्त की निशादेही पर आरोपी पुरेन्द्र कुमार मन्नेवार के मोबाईल में लगे सिम जिसे साक्ष्य छिपाने के लिए निकालकर अपने घर के आईना के पास रखा था जिसे जप्त किया गया। पश्चात आरोपी के निशादेही पर बैटरी, सीपीयू खरीददार देवीनारायण उर्फ मनखा उर्फ मोन्टू के कब्जे से 06 नग बैटरी एवं 01 नग सीपीयू जप्त कर कब्जा पुलिस लिया गया। पुलिस की विवेचना पर उपलब्ध साक्ष्य मेमोरण्डम कथन के आधार पर पाया गया कि इस प्रकरण में प्रार्थी पुरेन्द्र कुमार मन्नेवार के द्वारा अपने साथी अश्वनी कैवर्त, मुकेश साहु, राकेश साहू एवं अन्य के द्वारा झूठी साक्ष्य गढ़कर अपराध घटित कर अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध अपराध दर्ज कराने की योजना अनुसार दिनांक 12-13.08.2024 की दरम्यानी रात मिथ्या साक्ष्य पैन्ट को चाकू से काटना, शरीर को चोट पहुंचाना, खम्भा में बंधक बनाकर गढ़कर कार्य करते हुए एसईसीएल की सम्पत्ति कांटाघर में गृह अतिचार कर पूर्व योजना अनुसार सुरक्षा में लगे सेवक पुरेन्द्र कुमार मन्नेवार एवं उनके साथी आरोपियों के द्वारा सम्पत्ति अभिरक्षा में रखने के स्थान में प्रवेश कर चोरी किये तथा अन्य व्यक्ति को क्षति करने फंसाने की आशय से मिथ्या आरोप लगाते हुए पुलिस को मिथ्या ईत्तला देकर मोबाईल के सिम को निकालकर साक्ष्य छिपाते हुए चोरी की गई सम्पत्ति को बेचना, गिरवी रख देना प्रमाणित पाया गया। जो प्रकरण के प्रार्थी एवं उनके सहआरोपियों का कृत्य धारा 61 (ख), 229 (2), 331(4), 306, 305, 217, 248, 238 बीएनएस का होना पाये जाने से प्रार्थी आरोपी पुरेन्द्र कुमार एवं उनके साथियों के विरूद्ध जोड़ी गई तथा आरोपी देवीनारायण उर्फ मनखा उर्फ मोन्द्र के द्वारा चुराई हुई सम्पत्ति को खरीदना पाये जाने से धारा 317 बीएनएस जोड़ी गई। मामले में आरोपियों द्वारा जुर्म स्वीकार करने एवं सबूत पाये जाने से गिरफ्तार किया गया। आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया। प्रकरण के 03 अन्य आरोपी अभी फरार है जिनकी पतासाजी जारी है।

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