जिस बेटी और नाती को दिया आसरा, उन्होंने ही 111 साल के…- भारत संपर्क

सोमवार को कलेक्टर साप्ताहिक जनदर्शन में अपनी- अपनी फरियाद लेकर लोग पहुंचे। इन फरियादियों में खुद की उम्र 111 साल बताने वाले बुजुर्ग राजा राम तिवारी भी शामिल थे, जिनकी व्यथा कथा सुनकर किसकी आंखें ना भर आये। पूरी उम्र जिनके लिए स्वाहा कर दिया उन्होंने ही उनकी पीठ पर छुरी घोंपने से पहले एक बार नहीं सोचा।
माथे पर तिलक, झुकी हुई कमर ,लाठी के सहारे चलते राजा राम तिवारी इस उम्र में आंसू भरी आंखों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां उनकी व्यथा कथा सुनकर औरो की आंखों में भी आंसू आ गए। इसी के साथ खून के रिश्ते पर से भी भरोसा उठता चला गया।


जबरा पारा बृहस्पति बाजार के पास राजा राम तिवारी का अपना स्वयं का मकान है। उनकी बेटी उमा तिवारी का विवाह हुआ था लेकिन कुछ साल बाद ही वह अपने बेटे को लेकर पति का घर छोड़कर हमेशा के लिए मायके आ बैठी , तो फिर कभी नहीं लौटी। बुजुर्ग होने के बावजूद राजाराम तिवारी ने अपनी बेटी और नाती का खर्च उठाया और आज इसी का सिला उन्हें यह मिला कि उनकी बेटी उमा तिवारी और उसके पुत्र गोल्डन तिवारी ने उन्हें ही उनके घर से धक्के मार कर निकाल दिया।

राजाराम तिवारी ने रोते हुए बताया कि उनके अपने उन्हें पानी भी नहीं पूछते। खाने को नहीं देते। इस उम्र में वे परायो के ऊपर आश्रित है। आसपास के लोग खाने-पीने को दे देते हैं। किसी ने इलाज करा दिया लेकिन उनकी ही संपत्ति पर कुंडली मारकर बैठे लोगों ने उन्हें घर से बाहर कर दिया है। अपने खून के रिश्ते से पूरी तरह निराश राजाराम तिवारी चाहते हैं कि जिला प्रशासन उन्हें उनका मकान वापस दिलवा दे, जहां वे प्रभु श्री राम सीता और लक्ष्मण जी का एक मंदिर बनाने की इच्छा रखते हैं। कलेक्टर जनदर्शन में उन्होंने अपनी बात रखी है, देखना होगा कि संवेदनशील कलेक्टर अवनीश शरण उनकी इन भावनाओं से कितना प्रभावित होते हैं।
