श्रद्धा और विश्वास का मिलन है शिव विवाह -लाटा महाराज — भारत संपर्क
रायपुर -: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पुरानी बस्ती में स्थित श्री राजराजेश्वरी महामाया माता मंदिर प्रांगण में न्यास समिति के तत्वाधान में आयोजित श्री राम कथा के द्वितीय दिवस वाणी भूषण पं शंभू शरण लाटा महाराज ने शिव विवाह की कथा विस्तार से बताया. उन्होंने शिव विवाह को श्रद्धा और विश्वास का मिलन निरूपित किया. श्रद्धा और विश्वास के मिलन से दो संतान हुए कार्तिकेय और गणेश जी कार्तिकेय पुरुषार्थ का और गणेश जी बुद्धि का धोतक है. जगत में एक सार है वह है धर्म. धर्म क्या है… परोपकार ही धर्म है. उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि क्रोध करो लेकिन बोध नष्ट नहीं होना चाहिए. क्रोध कम करो, धर्म का रास्ता न टूटे यदि कुछ है तब चिंता है, कुछ नहीं है तो कोई चिंता नहीं है पुत्र नहीं है तो चिंता नहीं है, लेकिन कलयुग में सन है तो टेंशन है. लोग भगवान को याद करते हैं, मौत को याद नहीं करते जो सत्य है. धर्म को लगाम नहीं लगना चाहिए. दान पूजा पाठ कथा में महंगाई को देखते हुए खर्च कम करना धर्म पर लगाम लगाना है। अपमान सहने की ताकत हो तो शादी करना चाहिए, नहीं तो साधु बन जाइए. फिर सम्मान भी मिलेगा, प्रणाम करेंगे, खीर, हलवा, पुड़ी भी खाने मिलेगा. गृहस्थ जीवन और विवाह मनुष्य के जीवन में एक चुनौती है. महाराज श्री ने कहा कि संत सृष्टि नहीं पलटता है वह लोगों की दृष्टि को पलटता है.
विवाह के समय पार्वती जी के द्वारा लज्जा करने पर उन्होंने बताया कि लज्जा बहुत जरूरी है. लज्जा होने से शांति मिलती है। जीवन में अकेले जीना कष्ट दायक है, परेशान व्यक्ति मौत को अंगीकार करता है. शिव द्वारा सती के त्याग देने पर सती प्रभु से मृत्यु मांगती है. सनातन धर्म साधारण वस्तु नहीं है. यह एक विज्ञान है. श्री राम कथा श्रवण से व्यथा मिट जाती है.
शिव विवाह में महराज श्री ने दक्ष यज्ञ की कथा का वर्णन करते हुए शिव को निमंत्रण नहीं मिला. महाराज श्री ने ध्यान आकृष्ट किया कि अपनों से निमंत्रण की अपेक्षा नहीं की जानी चाहिए. ब्रह्मा जी की कथा में दक्ष शिव से नाराज थे इसलिए शायद निमंत्रण नहीं भेजा, ऐसा शिव ने सोचा. व्यक्ति अभाव से दुख नहीं पाता है, वह अपने स्वभाव से दुख पाता है. बिना बुलाए सती के आ आने से दक्ष का शरीर जलने लगा. पति के अपमान से सती दुखी हुई. दक्ष, शिव जी की बुराई कर रहे थे,तो सती अपना कान बंद कर लीं. बुराई सुनने से गौ हत्या का पाप लगता है. गुरु, राष्ट्र, धर्म की निंदा नहीं सुनाई चाहिए. जो शिव की निंदा की है और जिसने निंदा सुनी है दोनों को इसका पाप भोगना ही पड़ेगा. शिव का एक नाम आशुतोष भी है, आशु अर्थात जल्दी तोष अर्थात प्रसन्नता. जो जल्दी प्रसन्न हो जाए वह आशुतोष है. शिव ने दो ऑपरेशन किया. दक्ष के सर पर बकरा तथा गणेश के सर पर हाथी का सिर लगाया. गणेश का सर इसलिए काटा क्योंकि पार्वती ने किसी को ना आने के लिए मना किया था, लेकिन पति को ना आने नहीं कहा था इससे क्रोधित होकर शिव ने गणेश के सिर को काटा. जानवरों का सर लगाने का भी एक सूत्र है, मानव में अभिमान होता है, पशुओं में अभिमान नहीं होता.
सती ने प्रभु से आशीर्वाद मांगा कि मैं अगले जन्म में भी स्त्री के रूप में जन्म लूं तथा शिव मेरे पति के रूप में अंगीकार हो. पार्वती के विवाह में कन्या के संबंध में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि ओस की बूंद जैसी होती है बेटियां, मां-बाप दुखी हो तो रोती है बेटियां, बेटा कितना हीरा हो बेटियां होती है मोतियां. मां भगवती ने संतान उत्पत्ति के पहले चारों गुण तपो गुण, तपो गुण, रजोगुण को उधर मांगा था. लाटा महाराज ने उदासीन शब्द का विस्तार करते हुए बताया उद आसीन जो व्यक्ति उदासीन होता है वह सुख-दुख अभिमान से मुक्त होता है. शनि से न डरें. जहां मनी है, वहां शनि है. मनी अर्थात धन है तब शनि सताता है क्योंकि विधाता के लिखे को महादेव ही मिटा सकते हैं, बाकी किसी में यह शक्ति नहीं है. जो विधाता ने लिख दिया “वह तिल घटे न राई बढ़े”.
महाराज श्री ने कहा कि उपवास से आकाश मिलता है. मनुष्य को पृथ्वी से अनाज के रूप में खाना पीना फल फूल मिष्ठान आदि प्राप्त होते हैं, लेकिन उपवास से आकाश प्राप्त होता है आकाश शरीर में खालीपन अर्थात बीमारी को दूर करता हैं. संत श्री ने चुनौती दी कि जो व्यक्ति एक वर्ष में 20 दिन निर्जला उपवास करेगा उसे जीवन में कभी कैंसर नहीं हो सकता यह विज्ञान की बात है, हमारे धर्मशास्त्रों ने पहले ही इसे वर्णित कर दिया है. 1 वर्ष में 24 एकादशी होती है, यदि एकादशी का निर्जला उपवास करें तो कैंसर हो ही नहीं सकता. कल शिव विवाह की कथा के बाद 4 दिसंबर बुधवार को श्रीराम जन्म की कथा होगी.
न्यास समिति के अध्यक्ष आनंद कुमार शर्मा, सचिव दुर्गा प्रसाद पाठक एवं मंदिर व्यवस्थापक पं विजय कुमार झा ने जानकारी दी है कि राम कथा का सीधा प्रसारण श्री महामाया मंदिर मां महामाया मंदिर रायपुर के यूट्यूब चैनल एवं फेसबुक पेज पर तथा शिवशक्ति यूट्यूब चैनल पर हो रहा है.
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