45 साल पुराने तालाब का पानी रहस्यमयी गड्ढे में समा गया,…- भारत संपर्क


तालाब का पानी रातोंरात गायब! 45 साल पुरानी झील बनी रहस्य, ग्रामीणों ने मानी दैवीय घटना
ग्राम घानाकछार में चमत्कार! तालाब का पानी गड्ढे में समा गया, पाताल लोक जाने की चर्चा तेज
तालाब बना रहस्य! 4 एकड़ में फैला जलस्रोत कुछ ही दिनों में खाली, ग्रामीण हैरान
गड्ढे में समाया पूरा तालाब, लोग बोले – धरती फटी और खुला पाताल लोक का दरवाज़ा
टेकचंद

तखतपुर/बिलासपुर। बिलासपुर मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर कोटा विकासखंड के ग्राम घानाकछार में एक हैरान करने वाली प्राकृतिक घटना ने ग्रामीणों को चकित कर दिया है। लगातार बारिश के बाद 4 एकड़ में फैला 45 साल पुराना तालाब लबालब भर गया था, लेकिन अचानक तालाब के एक किनारे बने रहस्यमयी गड्ढे में पूरा पानी समा गया। अब तालाब में महज 15% पानी बचा है जो आने वाले एक-दो दिनों में पूरी तरह खत्म हो जाएगा।

इस घटना को देखकर ग्रामीणों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कई लोग इसे दैवीय घटना मानकर पूजा-अर्चना कर रहे हैं, तो कुछ इसे पाताल लोक से जुड़ा रहस्य बता रहे हैं।
अचानक कैसे हुआ यह रहस्यपूर्ण हादसा?

ग्राम घानाकछार का यह तालाब दशकों से ग्रामीणों के निस्तारी का प्रमुख साधन है। बारिश के बाद यह तालाब पूरी तरह लबालब भर गया था। 14 जुलाई की सुबह ग्रामीणों ने देखा कि तालाब का पानी अचानक तेजी से घटने लगा।

शुरुआत में लोगों को समझ नहीं आया कि आखिर पानी जा कहां रहा है। लेकिन जब तालाब का स्तर लगातार गिरने लगा तो गांव के राजेंद्र साहू ने तालाब के दाहिनी तरफ जाकर देखा। वहां एक विशाल गड्ढा दिखाई दिया, जिसमें तेज़ बहाव के साथ तालाब का पानी भीतर समा रहा था।
यह खबर फैलते ही सरपंच साधराम चेचाम, कार्तिकराम, छोटे लाल साहू, भागवत, जय राम, संदीप यादव, मोहनलाल, तुलसीराम, सियाराम और अन्य ग्रामीण वहां पहुंचे। सभी यह देखकर दंग रह गए कि चार दिनों में तालाब का लगभग 85% पानी गायब हो चुका था।
“पहली बार ऐसा हुआ”
गांव के सरपंच साधराम चेचाम ने बताया कि “यह तालाब 45 साल पुराना है, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि इसमें अचानक से गड्ढा बन गया और पूरा पानी खाली हो गया। आज तक ऐसी घटना किसी ने सुनी तक नहीं थी।”
आश्चर्य की बात यह है कि पानी कहां गया इसका कोई सुराग नहीं है। आसपास के क्षेत्र में पानी का रिसाव या झिर्रियां नजर नहीं आईं। यानी यह पानी कहीं भूमिगत धरती के भीतर गहराई में समा गया।
ग्रामीणों की मान्यता – “पाताल लोक को गया पानी”
गांव में इस घटना को लेकर तरह-तरह की मान्यताएं फैल गई हैं। कई लोग इसे पाताल लोक से जुड़ी घटना मान रहे हैं। उनका कहना है कि तालाब का पानी सीधे धरती के भीतर किसी पाताल लोक में चला गया है।
ग्रामीणों ने वहां पूजा-अर्चना शुरू कर दी है। दूर-दराज के लोग भी इस अनोखी घटना को देखने और गड्ढे के पास पूजा करने पहुंच रहे हैं।
निस्तारी की समस्या खड़ी
तालाब के सूख जाने से अब ग्रामीणों की निस्तारी और पानी की समस्या खड़ी हो गई है। यह तालाब गांव के लोगों की दैनिक जरूरतों का मुख्य स्रोत था। तालाब के खाली होने की सूचना गांव के सरपंच ने उच्च अधिकारियों को दे दी है। अब इस रहस्यमयी गड्ढे की जांच की जाएगी।
वैज्ञानिक कारण या दैवीय चमत्कार?
स्थानीय लोग इसे दैवीय चमत्कार मान रहे हैं, लेकिन भूगर्भ विशेषज्ञों के अनुसार इस तरह की घटनाएं भूमिगत जलधाराओं या भूधंसाव (लैंड सिंक) के कारण हो सकती हैं। तालाब के नीचे किसी पुराने भूमिगत सुरंग या दरार के सक्रिय होने से यह पानी भीतर समा सकता है।
“घटना देखने उमड़ रही भीड़”
तालाब के अचानक खाली हो जाने की चर्चा पूरे क्षेत्र में फैल गई है। लोग दूर-दराज से इस रहस्यमयी गड्ढे को देखने पहुंच रहे हैं। कुछ लोग इसे चमत्कार बता रहे हैं, तो कुछ इसे प्राकृतिक चेतावनी मानकर अंधविश्वास से जोड़ रहे हैं।
अब गांववालों को इंतजार है प्रशासनिक जांच का, जिससे पता चल सके कि यह घटना आखिर प्राकृतिक है, वैज्ञानिक है या फिर वाकई किसी अनजाने रहस्य से जुड़ी हुई है।
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