OMG! मछुआरों के हाथ लगी अजीबोगरीब शॉर्क, ऑरेंज स्किन,सफेद आंखें देख वैज्ञानिकों ने भी…


इस देश में मिली अजीबोगरीब शॉर्क Image Credit source: ParisminaDomusDei / Facebook
समुद्र में अक्सर कुछ ऐसा देखने को मिल जाता है जिसकी कल्पना भी मुश्किल होती है. हाल ही में कोस्टा रिका के एक मछुआरे को ऐसा ही कुछ देखने को मिला. जिसे देखने के बाद हर कोई हैरान रह गया. दरअसल मछुवारों के इन ग्रुप ने अपनी जाल में एक बेहद दुर्लभ शार्क पकड़ी. यह साधारण शार्क नहीं थी, बल्कि चमकीले नारंगी रंग की शॉर्क थी. जिसकी आंखें दूध जैसी सफेद थी और ये किसी रहस्यमयी जीव की तरह लग रही थी क्योंकि ऐसी शॉर्क पहले किसी ने नहीं देखी थी.
विशेषज्ञों के अनुसार इस शार्क का असामान्य रंग और आँखें किसी दुर्लभ आनुवंशिक स्थिति का नतीजा हैं. दरअसल, इस शार्क में दो अलग-अलग स्थितियों ज़ैनथिज़्म (Xanthism) और ऐल्बिनिज़्म (Albinism) के लक्षण पाए गए.ज़ैनथिज़्म एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में पीले रंग का पिगमेंट ज्यादा बनने लगता है. इसके कारण जानवरों का रंग गहरा पीला या नारंगी दिखाई देता है. यह स्थिति कुछ मछलियों, पक्षियों और रेपटाइल में देखा जाता है. लेकिन शार्क में इसका मिलना लगभग असंभव माना जाता है. यही वजह है कि यह खोज वैज्ञानिक समुदाय के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है.
क्यों किसी चमत्कार से कम नहीं है ये?
इस शार्क की सफेद आंखें यह दर्शाती हैं कि इसमें ऐल्बिनिज़्म भी है. यह एक दुर्लभ आनुवंशिक अवस्था (rare genetic condition) है, जिसमें शरीर में मेलानिन नामक पिगमेंट का निर्माण नहीं हो पाता. मेलानिन ही त्वचा, बाल, स्केल और आंखों को काला, भूरा, लाल या गहरा रंग देता है. जब यह पिगमेंट नहीं बनता, तो शरीर और आँखें सफेद या हल्की दिखाई देती हैं. समुद्री जीवों में ऐल्बिनिज़्म बेहद कम देखा जाता है, इसलिए यह खोज और भी महत्वपूर्ण हो जाती है.
वैज्ञानिक कहते हैं कि ज़ैनथिज़्म और ऐल्बिनिज़्म का एक साथ किसी एक ही प्रजाति में दिखाई देना बेहद दुर्लभ है. यह मामला शायद पहला है जब दोनों स्थितियों वाले गुण एक ही शार्क में मिले हैं. इससे पहले, 2023 में एक सफेद डॉल्फिन (albino dolphin) को नवविवाहित जोड़े ने देखा था, जिसने दुनियाभर का ध्यान खींचा था. बता दें कि ऐसे असामान्य रंग और रूप वाले जीवों के लिए समुद्र में जीवित रहना आसान नहीं होता. उनका चमकीला रंग उन्हें तुरंत अलग दिखा देता है. शिकारी आसानी से इन्हें निशाना बना सकते हैं, और शिकार पकड़ने में भी इन्हें दिक्कत होती है क्योंकि शिकार इन्हें दूर से देख लेता है.
यही वजह है कि ऐसी शार्क का जीवित रहना किसी चमत्कार से कम नहीं. यह नारंगी शार्क सिर्फ एक मछुआरे के लिए जीवनभर का अनुभव नहीं, बल्कि विज्ञान के लिए भी एक बड़ी खोज है. ऐसे जीव समुद्री जैव विविधता को और गहराई से समझने में मदद करते हैं और बताते हैं कि प्रकृति किस तरह अनोखे रूपों में जीवन को रचती है.