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मनरेगा के तहत औचित्यपूर्ण हितग्राहीमूलक एवं अभिसरण के तहत सामुदायिक कार्यों के आजीविका मूलक स्थाई परिसंपत्ति को प्राथमिकता देंवे : अपर आयुक्त
कोरबा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के कार्यों के निरीक्षण करने के लिए मंत्रालय से जिले में दो दिवसीय प्रवास पर आए अपर आयुक्त अशोक चौबे ने आज जिला पंचायत कार्यालय में बैठक ली। वही इस दौरान सीईओ जिला पंचायत दिनेश नाग भी उपस्थित रहे। बैठक में श्री चौबे ने अधिकारियों-कर्मचारियों को निर्देशित किया कि मनरेगा के तहत हितग्राहीमूलक कार्यों जैसे सिंचाई कूप, खेत डबरी एवं पशु शेड निर्माण को प्राथमिकता दी जाए, ताकि ग्रामीण हितग्राहियों को स्थायी आजीविका का साधन मिल सके। वही अपर आयुक्त ने कहा कि मनरेगा का उद्देश्य केवल रोजगार उपलब्ध कराना नहीं, बल्कि ग्रामीण परिवारों की आय बढ़ाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना भी है। सिंचाई कूप से सब्जी बाड़ी, खेत डबरी से मत्स्य पालन और पशु शेड से पशुपालन जैसे कार्य ग्रामीणों की आजीविका संवर्धन के मजबूत आधार बन सकते हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जिले में जनहितैषी कार्यों जैसे सिंचाई हेतु लघु नहर निर्माण, नहर जीर्णोद्धार कार्यों को मनरेगा एवं डीएमएफ (खनिज न्यास निधि) के अभिसरण से संचालित किया जाए। ताकि अधिक संख्या में किसानों को सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी उपलब्ध हो तथा आय में वृद्धि हो। तकनीकी अमले को निर्देशित करते हुए श्री चौबे ने कहा कि निर्माण कार्य प्रारंभ करने से पूर्व साइड विजिट अनिवार्य है तथा गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर निरीक्षण एवं मूल्यांकन भी आवश्यक है। वही उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्राकृतिक संसाधनों एवं कृषि कार्यों को बढ़ावा देने वाले कार्यों को ही प्राथमिकता दी जाए। मनरेगा के अनुमेय कार्यों को ही स्वीकृत किया जाए और भूमि सुधार के कार्यों को निरस्त किया जाए। साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत आवास निर्माण में प्रगति लाने के लिए जनपद पंचायत स्तर पर सतत समीक्षा करने और मैदानी अमले को निरंतर फील्ड विजिट करने के निर्देश दिए। वही बैठक में सहायक परियोजना अधिकारी, कार्यक्रम अधिकारी सर्व जनपद पंचायत, तकनीकी सहायक, सहायक प्रोग्रामर सहित मनरेगा स्टाफ मौजूद रहे।