Ranbir Kapoor: ‘मेरा मकसद था कि…’ बॉलीवुड में आने के लिए कौन सा सपना देखते थे… – भारत संपर्क


रणबीर कपूर
Ranbir Kapoor: रणबीर कपूर बीते 18 सालों से बॉलीवुड में काम कर रहे हैं और अब सुपरस्टार के रूप में पहचाने जाते हैं. मां नीतू कपूर और पिता ऋषि कपूर की राह पर चलते हुए रणबीर ने भी बॉलीवुड में करियर बनाया और वो पैरेंट्स की तरह ही सफल भी हुए. लेकिन, एक्टर बनने से पहले रणबीर ने बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम किया था. वो दिग्गज डायरेक्टर संजय लीला भंसाली को असिस्ट कर चुके हैं. तभी रणबीर ने भंसाली के साथ काम करते हुए एक बड़ा सपना देख लिया था जो बहुत जल्द सच भी हो गया था.
रणबीर कपूर ने बतौर एक्टर काम करने से पहले फिल्मों की बारीकियां सीखने के लिए अमेरिका में रहकर फिल्ममेकिंग का कोर्स किया था और फिर वापस भारत आकर फिल्मी दुनिया में काम करने की जद्दोजहद में लग गए. उन्होंने इस दौरान भंसाली को अमिताभ बच्चन और रानी मुखर्जी की फिल्म ‘ब्लैक’ (2005) में असिस्ट किया था. यहां उन्हें कड़े संघर्ष से गुजरना पड़ा.
सेट पर पोछा लगाते थे रणबीर
रणबीर कपूर चाहे ऋषि कपूर जैसे सुपरस्टार के बेटे थे, लेकिन उन्हें अपनी पहचान खुद बनानी पड़ी. उन्होंने अपनी मंजिल अपने दम पर हासिल की और अपना रास्ता भी खुद तैयार किया. 20 साल पुरानी पिक्चर के सेट पर रणबीर पोंछा भी लगाते थे. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि वो पोंछा लगाने से लेकर लाइट फिक्स करने तक का काम करते थे.
रणबीर ने देख लिया था ये सपना
संजय लीला भंसाली के साथ काम करते हुए रणबीर ने मन बना लिया था कि भंसाली की किसी फिल्म में उन्हें लीड एक्टर के रूप में काम मिल जाए. अभिनेता ने कहा था, ”मेरा मकसद था कि भंसाली सर मुझे अपनी किसी फिल्म में लीड रोल ऑफर कर दें.” रणबीर अपने मकसद को पूरा करने में जल्द ही कामयाब हो गए थे.
भंसाली की ‘सावरिया’ से किया डेब्यू
रणबीर ने ब्लैक के 2 साल बाद आई फिल्म ‘सावरिया’ से डेब्यू किया था. हालांकि साल 2007 की ये पिक्चर बुरी तरह पिट गई थी. लेकिन, रणबीर ने ‘अजब प्रेम की गजब कहानी’, ‘राजनीति’, ‘संजू’, ‘एनिमल’, ‘तू झूठी मैं मक्कार’, ‘ये जवानी है दीवानी जैसी कई फिल्मों से खुद को साबित किया है.