अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता बहाल, भड़काऊ भाषण मामले में गंवाई थी विधा… – भारत संपर्क

अब्बास अंसारी (फाइल फोटो)
उत्तर प्रदेश के मऊ जिले से विधायक और मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता सोमवार (8 सितंबर) को बहाल कर दी गई. विधानसभा सचिवालय ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद अब्बास अंसारी को फिर से मऊ विधानसभा क्षेत्र का वैध सदस्य माना जाएगा. यह घटनाक्रम अब्बास के लिए एक बड़ी राहत के रूप में सामने आया है, जिनकी सदस्यता हेट स्पीच मामले में मिली सजा के कारण रद्द कर दी गई थी.
अब्बास अंसारी के खिलाफ मऊ में एक हेट स्पीच (घृणा फैलाने वाली भाषा) का मामला दर्ज था. इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी. भारतीय दंड संहिता और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत, किसी विधायक को दो साल या उससे अधिक की सजा होने पर उनकी विधानसभा सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है. इसी प्रावधान के तहत अब्बास की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी. इस फैसले ने न केवल अब्बास की राजनीतिक स्थिति को कमजोर किया, बल्कि उनके परिवार की मऊ में दशकों पुरानी राजनीतिक विरासत पर भी सवाल उठाए.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पलटा फैसला
सजा के बाद अब्बास अंसारी ने इस फैसले को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी. हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद निचली अदालत के फैसले को निरस्त कर दिया और अब्बास को राहत प्रदान की. हाई कोर्ट के इस फैसले ने अब्बास को न केवल कानूनी जीत दिलाई, बल्कि उनकी राजनीतिक पारी को भी नया जीवन दिया. हाई कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने सदस्यता बहाल करने का आदेश जारी कर दिया.
विधानसभा सचिवालय का आदेश
विधानसभा सचिवालय ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट से राहत मिलने के बाद अब्बास अंसारी को मऊ विधानसभा क्षेत्र का वैध विधायक माना जाएगा. यह आदेश अब्बास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह उन्हें न केवल विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का मौका देता है, बल्कि क्षेत्र में अपनी राजनीतिक सक्रियता को और मजबूत करने का अवसर भी प्रदान करता है.
अब्बास अंसारी राजनीतिक पृष्ठभूमि
अब्बास अंसारी, मऊ जिले से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के टिकट पर विधायक चुने गए थे. उनके पिता मुख्तार अंसारी, जो एक पूर्व सांसद और पांच बार के विधायक रह चुके हैं. अब्बास अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए, मऊ में सक्रिय रूप से राजनीति कर रहे हैं. हालांकि, उनके खिलाफ भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हेट स्पीच का यह मामला सबसे चर्चित रहा.
मऊ की राजनीति में अंसारी परिवार का दबदबा
मऊ जिले में अंसारी परिवार का राजनीतिक प्रभाव लंबे समय से रहा है. मुख्तार अंसारी ने इस क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ बनाई थी, और अब अब्बास उसी विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश में हैं. हालांकि, उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले और विवाद उनकी राह में बार-बार चुनौतियां खड़ी करते हैं. हेट स्पीच मामले में सजा और फिर हाई कोर्ट से राहत ने एक बार फिर अंसारी परिवार को चर्चा में ला दिया है. अब्बास अंसारी की सदस्यता बहाल होने से मऊ की राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है.