उत्तराखंड में UKSSSC पेपर लीक मामले में एक्शन, यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में…


उत्तराखंड पेपर लीक मामला.
उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) द्वारा 21 सितंबर को आयोजित स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच के लिए न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में आयोग गठित किया है. पूर्व में प्रस्तावित न्यायमूर्ति बी एस वर्मा ने निजी कारणों से असमर्थता जताई थी.
राज्य सरकार ने अधिनियम 1952 की धारा 3 के तहत न्यायिक जांच के दिए आदेश दिए. आयोग पेपर लीक मामलें में गठित SIT की आख्या लेकर विधिसम्म्मत मार्गदर्शन प्रदान करेगा.
सरकार ने आयोग से अपेक्षा की है कि आयोग जल्द से जल्द सरकार को रिपोर्ट सौंपेगा. राज्य सरकार ने एक विशेष जाँच दल (एसआईटी) का गठन करने का आदेश दिया है.
एक महीने में सरकार को सौंपेगी रिपोर्ट
एसआईटी एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी. बताया गया गया कि एसआईटी सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में काम करेगी, जबकि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर का एक अधिकारी जाँच का नेतृत्व करेगा. बयान में कहा गया कि “जांच का क्षेत्राधिकार पूरे राज्य में होगा.
आयोग उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों का भी दौरा करेगा और कोई भी व्यक्ति जिसके पास संबंधित जानकारी हो, वह सीधे एसआईटी या न्यायाधीश से संपर्क कर सकता है.
बयान में कहा गया कि सरकार ने एसआईटी को एक महीने के भीतर जांच पूरी करके अपने निष्कर्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. जांच पूरी होने तक, यूकेएसएसएससी भर्ती प्रक्रिया और परीक्षा परिणामों की घोषणा को रोके रखेगा.
कड़ी कार्रवाई का दिया आदेश
बयान में कहा गया कि राज्य सरकार परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ-साथ अभ्यर्थियों के हितों को भी प्राथमिकता देती है. एसआईटी जांच में दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
इसके अलावा, विवाद के केंद्र हरिद्वार परीक्षा केंद्र पर लापरवाही बरतने वाले किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी. छात्रों के लिए सरकार का हित सर्वोपरि है और यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि छात्रों और आम जनता का परीक्षा प्रणाली में विश्वास बना रहे.
इनपुटः अवनीश पाल