Gen-Z के विरोध की वजह से एक और सरकार गिरी, मेडागास्कर में आर्मी ने संभाली सत्ता – भारत संपर्क

मेडागास्कर में बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है. देश की एक खास सैन्य इकाई CAPSAT ने सत्ता अपने हाथ में लेने का ऐलान किया है. सेना के कर्नल माइकल रांद्रियानिरीना ने कहा कि अब सेना और गेंडरमेरी (एक प्रकार की पुलिस फोर्स) के अधिकारी मिलकर एक काउंसिल बनाएंगे और जल्द ही एक आम नागरिक प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाएगा, जो नई सरकार का गठन करेगा.
कर्नल माइकल के ऐलान से थोड़ी ही देर पहले संसद में राष्ट्रपति एंड्री राजोइलिना के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था. महाभियोग प्रस्ताव 130 वोटों के साथ पास हो गया. 163 सदस्यों वाली संसद में प्रस्ताव पास होने के लिए सिर्फ दो-तिहाई वोटों की जरूरत थी. वोटिंग से पहले ही राजोइलिना जेन-Z युवाओं के प्रदर्शन और सैन्य विद्रोह के कारण देश छोड़कर भाग गए हैं.
राजोएलिना ने वीडियो संदेश जारी किया
राष्ट्रपति राजोएलिना ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश में बताया कि उन्होंने जान के खतरे के चलते देश छोड़ दिया है और फिलहाल किसी सुरक्षित जगह पर हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यह सत्ता छीनने की अवैध कोशिश है और संविधान का पालन किया जाना चाहिए.
क्यों हुआ विरोध प्रदर्शन?
Gen Z युवाओं ने 25 सितंबर से राष्ट्रपति राजोएलिना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की शुरुआत की थी. शुरुआत बिजली और पानी की कमी से हुई थी, लेकिन बाद में ये विरोध भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई और शिक्षा की खराब स्थिति के खिलाफ गुस्से में बदल गया.
मेडागास्कर में लगभग 75% लोग गरीबी में जी रहे हैं. बुनियादी साधनों की कमी और भ्रष्टाचार ने जनता को गुस्से में ला दिया है. सेना के समर्थन से जनता को लग रहा है कि अब बदलाव संभव है.
सेना का जनता को समर्थन
11 अक्टूबर को CAPSAT के सैनिकों ने जनता का साथ देने का फैसला किया और विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए. यह वही यूनिट है जिसने 2009 में तख्तापलट कर राजोएलिना को सत्ता में लाया था. अब वही सेना उनके खिलाफ हो गई है.
2009 में भी राजोएलिना ने बड़े प्रदर्शन के जरिए तत्कालीन राष्ट्रपति मार्क रावालोमाना को सत्ता से हटाया था. अब वही स्थिति उनके खिलाफ बन गई है. संसद ने उन्हें हटाने के लिए वोट किया और सेना ने उनकी सरकार को मान्यता देने से इनकार कर दिया.