श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर में आषाढ़ गुप्त नवरात्र…- भारत संपर्क

0
श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर में आषाढ़ गुप्त नवरात्र…- भारत संपर्क

छत्तीसगढ़ बिलासपुर सरकण्डा स्थित श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर में आषाढ़ गुप्त नवरात्र उत्सव हर्षोल्लास के साथ धूमधाम से मनाया जा रहा है।पीताम्बरा पीठ के पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. दिनेश जी महाराज ने बताया कि इस बार गुप्त नवरात्र दस दिनो का है।

पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. दिनेश जी महाराज ने बताया कि त्रिदेव मंदिर में नवरात्र के चौथे दिन प्रातःकालीन श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी का विशेष पूजन श्रृंगार कूष्माण्डा एवं त्रिपुरभैरवी देवी के रूप में किया गया।श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव का महारुद्राभिषेक, महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती देवी का षोडश मंत्र द्वारा दूधधारिया पूर्वक अभिषेक किया गया।परमब्रह्म मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जी का पूजन एवं श्रृंगार किया गया।प्रतिदिन रात्रिकालीन 8:00 बजे से 12:30 बजे तक पीताम्बरा हवनात्मक महायज्ञ एवं रात्रि 12:30 बजे महाआरती संपन्न हो रहा है।

पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. दिनेश जी महाराज ने बताया कि गुप्त नवरात्र में माँ के नौ रूपों के साथ साथ दस महाविद्याओं की पूजा भी की जाती है।देवी के समस्त रूपों में से एक जगत प्रसिद्ध देवी त्रिपुर भैरवी भी हैं।माँ त्रिपुर भैरवी तीनों लोकों में सबसे सौंदर्यवान और सभी कर्मो का शीघ्र फलदेने वाली देवी हैं।माँ त्रिपुरभैरवी का सौंदर्य सोलह कलाओं से युक्त सोलह वर्ष की कन्या के समान है। इनके मुख से हजारों सूर्य का तेज निकलता रहता है,माँ त्रिपुरभैरवी की अराधना से समस्त प्रकार के ऐश्वर्य एवं भोग प्राप्त होते है।माँ त्रिपुरभैरवी को यौवन और आकर्षण की देवी माना जाता है।इनकी पूजा करने से आकर्षण व सौंदर्यता की प्राप्ति होती है।अगर आपके वैवाहिक जीवन हमेशा कलह बनी रहती है, आपका कोई प्रिय आपसे रूठ गया है, सम्मान और पद प्राप्त करने के लिए, किसी को भी सम्मोहित करने के लिए भी माँ त्रिपुर भैरवी की साधना बहुत फलदायी होती है. इनकी साधना करने मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।माँ त्रिपुर भैरवी की उपासना भोग और मोक्ष प्रदान करती है।

माँ त्रिपुर भैरवी की चार भुजाएं हैं।ये अपने हाथों में पाश, अंकुश, धनुष और बाण धारण करती हैं।जो भी मनुष्य मां त्रिपुर भैरवी की साधना करता है माँ उसे कभी भी निराश नही करती हैं।माँ त्रिपुर भैरवी के हृदय में सौम्यता और दया वास करते हैं।मां त्रिपुर भैरवी की महिमा का वर्णन करना शब्दों में सम्भव नही है। संसार की सभी तन्त्र-मंत्र व तांत्रिक और सिद्ध गण बिना माँ के आशीर्वाद के पूरे नहीं हो सकते।

पीठाधीश्वर आचार्य डॉ दिनेश जी महाराज ने कहा कि दैवी सम्पदा और असुरी सम्पदा दोनों संसार को चलाती है। दैवी सम्पदा अर्थात देवी की उपासना से प्राप्त कर्म,भक्ति, ज्ञान, श्री सम्पदा संसार में सुख, समृद्धि के साथ-साथ अंत में मोक्ष में सहयोगी होती है, परंतु असुरी सम्पदा दुख और दरिद्र बनाती है। और अंत में चौरासी गुना बंधन बनाती है।जैसे माँ अपने बालक के कल्याण के लिए आतुर रहती है,वैसे ही भगवती अपने भक्तों के लौकिक ,पारलौकिक और परमार्थिक कल्याण के लिए तत्पर रहती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सशस्त्र सैन्य समारोह : भारतीय सेना की ताकत, जवानों का शौर्य हमें रोमांच के साथ गौरवान्वित करता… – भारत संपर्क न्यूज़ …| MP: छिंदवाड़ा का ऐसा गांव, जहां नवरात्रि में मां दुर्गा की नहीं, रावण की पू… – भारत संपर्क| UP: गोंडा में अवैध पटाखा फैक्ट्री में धमाका, 2 की मौत; 3 की हालत गंभीर – भारत संपर्क| बिहार: दरभंगा में भीषण हादसा, दो बाइक में टक्कर; 3 की दर्दनाक मौत| BSEB SAV Class 6 Admit Card: सिमुलतला आवासीय विद्यालय कक्षा 6 प्रवेश परीक्षा का…