26 जून से आरंभ हो रहा है आषाढ़ गुप्त नवरात्र, श्री पीतांबरा…- भारत संपर्क



छत्तीसगढ़ बिलासपुर सरकण्डा स्थित श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी आषाढ़ गुप्त नवरात्र उत्सव हर्षोल्लास के साथ श्रद्धापूर्वक मनाया जाएगा।पीताम्बरा पीठ के पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. दिनेश जी महाराज ने बताया कि आषाढ़ गुप्त नवरात्र उत्सव 26 जून से प्रारंभ होकर 4 जुलाई तक मनाया जाएगा।
पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. दिनेश जी महाराज ने बताया कि त्रिदेव मंदिर में नवरात्र के प्रथम दिन प्रातःकालीन श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी का विशेष पूजन श्रृंगार शैलपुत्री देवी, काली माता के रूप में किया जाएगा।श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव का महारुद्राभिषेक, महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती देवी का षोडश मंत्र द्वारा दूधधारिया पूर्वक अभिषेक किया गया।परमब्रह्म मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जी का पूजन एवं श्रृंगार, श्री सिद्धिविनायक गणेश जी हनुमान जी भैरव जी का पूजन किया गया।

गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा और उनकी दस महाविद्याओं की विशेष पूजा की जाती है।गुप्त नवरात्र को विशेष रूप से गुप्त साधानाओं के लिए जाना जाता है।दस महाविद्याओं में माँ काली प्रथम रूप है,माँ काली जी का स्वरुप अत्यंत विकराल, अभंयकारी और मंगलकारी है। माँ काली का ये स्वरुप असुरों का नाश करने वाला है,यदि कोई व्यक्ति गुप्त नवरात्री के दौरान माँ काली की पूजा करता है तो उसके ऊपर सामने आसुरी शक्तियों का कोई असर नहीं होता हैं। माँ काली की पूजा करने वाले व्यक्ति को रूप, यश, जय की प्राप्ति होती है. समस्त सांसारिक बाधाएं खत्म हो जाती है।माँ काली ने चंड-मुंड का संहार किया था इसलिए इन्हे चामुण्डा के नाम से भी जाना जाता है।माँ काली अपने गले मुंडमाला धारण करती हैं इनके एक हाथ में खड्ग दूसरे हाथ में त्रिशूल और तीसरे हाथ में कटा हुआ सिर होता है।
माँ दुर्गा ने रक्तबीज नाम के असुर का वध करने के लिए काली का अवतार धारण किया था।दस महाविद्याओं में माँ काली प्रथम देवी है।गुप्त नवरात्रि में प्रथम दिन माँ काली की आराधना की जाती है. जो लोग तंत्र शक्तियां प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें गुप्त नवरात्र के पहले दिन विशेष रूप से मां काली की पूजा करनी चाहिए।इसके अलावा मां काली की आराधना करने से सभी प्रकार की तंत्र बाधाओं से छुटकारा मिलता है,जो लोग अपने शत्रुओं से बहुत परेशान रहते है उन्हें गुप्त नवरात्रि में मां काली की आराधना करनी चाहिए।ऐसा करने से शत्रु से मुक्ति मिलती है।माँ काली की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय भी दूर हो जाता है।
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