Ayurveda Tips For Better Sleep : रात में घंटों नहीं आती है नींद, सोने से पहले…


Ayurveda Tips For Better Sleep
Ayurveda Tips For Better Sleep : आज कल की भागदौड़ भरी जिंदगी, पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में चल रही दिक्कतों का असर सबसे पहले हमारी नींद पर पड़ता है. स्ट्रेस की वजह से अक्सर लोग रात-रातभर सो नहीं पाते हैं. वहीं, कुछ लोग रील और वेब सीरीज देखने के चक्कर में अपनी नींद के साथ समझौता करते हैं. नींद पूरी नहीं होने की वजह से हमारी सेहत पर बुरा असर पड़ता है. इससे चिड़चिड़ापन, गुस्सा और सेहत से जुड़ी कई समस्याएं होती हैं.
हार्वर्डके मुताबिक, नींद पूरी नहीं होने की वजह से ब्लड प्रेशर , डायबिटीज, हार्ट डिजीज और वजन बढ़ने जैसे समस्या हो सकती हैं. साथ ही ये आपके स्ट्रेस लेवल, ब्लड प्रेशर और ब्लड ग्लूकोज लेवल को और बढ़ा सकता है. ऐसे में जरूरी है कि आप रात को पूरी और अच्छी नींद लें. इसके लिए आयुर्वेद में कुछ ऐसे तरीके बताए गए हैं, जिनकी मदद से आपको बेहतर नींद पाने में मदद मिलेगी. चलिए जानते हैं उनके बारे में विस्तार से.
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अभ्यांगा ( तेल से मसाज)
अभ्यांगा का मतलब होता है आयुर्वेद तेल से मसाज करना. ये एक रिलेक्सिंग मसाज है, जिसे आप बादाम के तेल या तिल के तेल से कर सकते हैं. ऐसा करने से ये एंग्जायटी को कम करता है और नर्व सिस्टम को शांत करता है. आपको गर्म तेल लेकर अपने पैर, गर्दन और कंधे पर सोने से पहले मसाज करनी है. आयुर्वेद में इसे बेहतर नींद लाने के लिए उपयोगी बताया गया है.
गर्म दूध या हर्बल चाय का सेवन करें
आयुर्वेद के मुताबिक, अच्छी नींद के लिए 10 बजे से पहले सो जाना बेहतर होता है. सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध पीना चाहिए, जिसमें कुछ हर्ब भी मिला सकते हैं, जैसे जायफल, अश्वगंधा, हल्दी या चमौली. ये सभी चीजें बेहद फायदेमंद होती हैं. आप इनसे से किसी भी चीज को दूध में मिला कर पी सकते हैं. ये आदत आपके डाइजेशन को तो बेहतर बनाती है . साथ ही नर्व को शांत करती है और मेलाटोनिन प्रोडक्शन को बूस्ट करता है. या आप तुलसी, ब्राह्मी या चमौली की चाय भी पी सकते हैं. सोने से पहले कैफीन के सेवन करने से बचें.
नस्य का करें अभ्यास
नस्य एक आयुर्वेदिक प्रैक्टिस है, जिसमें नाक के जरिए एक औषधीय पदार्थों को बॉडी में पहुंचाया जाता है. बेहतर नींद के लिए आप रात को सोने से पहले नाक में घी डाल सकते हैं. ये दिमाग को शांत करता है, जिससे स्ट्रेस कम होता है. ये उन लोगों के लिए लाभकारी माना जाता है जो ड्राई साइनस, माइग्रेन या सांस लेने की दिक्कत से जूझ रहे हैं.
शिरोधारा या मेडिटेशन है लाभकारी
शिरोधारा आयुर्वेदिक प्रैक्टिस है, जिसमें गर्म तेल को माथे पर डाला जाता है. वैसे तो ये थैरेपी आयुर्वेदिक सेंटर में की जाती है, लेकिन इसे घर में अलग तरीके से किया जाता है. इसमें आपको गर्म तेल को नहीं बल्कि ठंडे पानी में भिगोए कपड़े को माथे पर रखना होता है. इसे रखने के बाद 5-10 मिनट के लिए डीप ब्रीथ लें और मेडिटेशन करें. ये ओवरथिंकिंग को कम करता है और पित्त और वात दोष को शांत करता है. इससे करने के बाद नींद भी बहुत अच्छी आती है.
डिजिटल डिटॉक्स है जरूरी
आयुर्वेद के मुताबिक, बेड टाइम का वातावरण हमारी नींद की गुणवत्ता पर सीधा असर डालता है, जिसका सबसे बड़ा कारण है बहुत ज्यादा समय स्क्रीन पर बिताना. मोबाइन, लैपटॉप से निकलने वाली ब्लू लाइट मेलाटोनिन प्रोडक्शन को प्रभावित करती है, जिसकी वजह से नींद जल्दी नहीं आती है और बीच -बीच नींद टूटने जैसी समस्याएं आती हैं. ऐसे में आयुर्वेद कहता है कि आपको सोने से 1 घंटे पहले ही मोबाइल, टीवी और लैपटॉप से दूरी बना लेनी चाहिए. इससे आप चैन की नींद सो पाएंगें और रात को बीच-बीच में आपकी नींद भी नहीं खुलेगी.
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