आज़ाद कश्मीर बिल्कुल भी आज़ाद नहीं… PoJK नेता ने पाकिस्तान सरकार और सेना पर साधा… – भारत संपर्क


POK में प्रदर्शन
पाकिस्तान के हाथ से POK निकलता जा रहा है. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लोग आए दिन पाक सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. आवामी एक्शन कमेटी (PoJK) के शीर्ष नेता शौकत नवाज़ मीर ने पाकिस्तान सरकार और सेना पर स्थानीय लोगों के दमन का आरोप लगाया है. उन्होंने सरकार की तुलना डायन से करते हुए कहा कि तथाकथित आज़ाद कश्मीर बिल्कुल भी आज़ाद नहीं है.
मीर ने याद दिलाया कि कैसे जनरल असीम मुनीर ने पहलगाम हमले से पहले हिंदुओं को काफ़िर कहा था. उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान दूसरों पर अत्याचार के आरोप लगाता है, लेकिन उसके अपने नेता POK में अत्याचार कर रहे हैं. बता दें, पाक के इसी दमन को लेकर POK में प्रदर्शन जारी हैं.
#ShaukatNawazMir, a top leader of the #AwamiActionCommittee in #PoJK, has accused #Pakistans government and army of oppressing locals.
Comparing them to a witch bent on killing people, he said the so-called #AzadKashmir is not free at all. pic.twitter.com/y6L5KCMxXs
— saurabh sharma (@saurabh1531) October 1, 2025
“पाकिस्तानी फौजें अपने ही लोगों को मार रहीं हैं”
उन्होंने कहा कि आम लोगों की आवाज को दबाया जा रहा है, मीडिया को चुप कराया जा रहा है और सवाल उठाया कि जो पाकिस्तानी फौजें अपने ही लोगों को मारती हैं, वे उन्हें प्रतिनिधित्व करने का दावा कैसे कर सकती हैं?
अपना हाल देखें बिना भारत पर लगाते हैं आरोप
शौकत नवाज़ मीर ने कहा कि पाक सरकार भारत पर आरोप लगाती है, लेकिन खुदकों नहीं देखती. मीर ने जोर दिया कि भारत सरकार तो काफिर है, तुम तो मुसलमान होकर अपने लोगों को मारते हैं.
अब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत ही नहीं खुद POK में भी आजाद कश्मीर कहने में लोगों को सोचना पड़ रहा है. मीर ने कहा कि आज़ाद कश्मीर बिल्कुल भी आज़ाद नहीं है. बता दें कश्मीर में पाक सरकार विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए मीडिया, इंटरनेट बंद करती रहती है. कई खबरों के मुताबिक यहां बोलने की आजादी नहीं बची है, जिससे लग रहा है कि आजाद कश्मीर कहना सिर्फ ढकोसला बचा है.
मुनीर की सेना ने 12 नागरिकों को मारी गोली
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पाकिस्तान सरकार के खिलाफ बुधवार को हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों लगभग 6 लोग मारे गए हैं. पिछले तीन दिन से जारी प्रदर्शनों में बाग़ ज़िले के धीरकोट में कम से कम चार लोग मारे गए, जबकि मुज़फ़्फ़राबाद में कम से कम दो और मीरपुर में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 200 से ज़्यादा नागरिक घायल हुए हैं. झड़पों में तीन पुलिसकर्मी भी मारे गए हैं और कम से कम नौ घायल हुए हैं.