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भूरा माहू, झुलसा रोग और तना छेदक से फसलों को बचाना चुनौती, बारिश की रफ्तार कम होने से धान की फसल में बीमारियों का प्रकोप
कोरबा। बारिश की रफ्तार कम होने से धान की फसल में कई तरह की बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। अभी भूरा माहू, झुलसा रोग, तना छेदक का अधिक प्रकोप है। किसानों को दवा छिडक़ाव करने की सलाह दी जा रही है। इसके अलावा अरहर की फसल में तन अंगमारी का प्रकोप होने की संभावना है।
कृषि विभाग के अनुसार कम बारिश की संभावना को देखते हुए मौसम साफ रहने पर कीटनाशक छिडक़ाव करने की सलाह दी जाती है। भूरा माहू पौधों के मुख्य तना से रस चूसकर पौधों को कमजोर करता है। इसी तरह झुलसा रोग भी धान के पौधों को सुखा देते हैं। कई क्षेत्रों में अभी भी हल्की बारिश हो रही है। इसके कारण ही बीमारी का प्रकोप फैला है। दलहन और तिलहन में भी बीमारी फैलने की आशंका है। कृषि विभाग के उपसंचालक डीपीएस कंवर का कहना है कि ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को नजर रखने कहा है। बीमारी की आशंका को देखते हुए किसानों को सलाह देने कहा है। अभी किसी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बीमारी फैलने की खबर नहीं है। मौसम के उतार-चढ़ाव के कारण ही बीमारी फैलने की आशंका बनी रहती है।