क्या ईरान में फिर से हिंसा भड़क सकती है? राष्ट्रपति पेजेशकियन बोले- पेट्रोल महंगा… – भारत संपर्क
ईरान में एक बार फिर पेट्रोल की कीमतों को लेकर बहस शुरू हो गई है. राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने हाल ही में कहा कि देश में पेट्रोल महंगा होना चाहिए, लेकिन यह फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार कोई ऐसा कदम नहीं उठाएगी जो जनता पर जबरदस्ती थोपा जाए. उनके इस बयान से लोगों में चिंता बढ़ गई है कि कहीं 2019 जैसी हिंसक स्थिति फिर से न बन जाए.
ईरान के उत्तर-पश्चिमी शहर उर्मिया में दिए भाषण में राष्ट्रपति पेजेकियन ने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि गैसोलीन की कीमत बढ़नी चाहिए. कौन कहता है कि पेट्रोल सिर्फ 1,500 तोमन प्रति लीटर हो? आज तो पानी भी इससे महंगा है. लेकिन पेट्रोल की कीमत बढ़ाना आसान नहीं है. इसके लिए कई पहलुओं पर विचार करना होगा और ठोस योजना बनानी होगी.’
2109 की हिंसा में 300 से ज्यादा लोग मारे गए
पेजेशकियन ने कहा कि 2019 में हसन रूहानी की सरकार ने अचानक पेट्रोल महंगा किया था, जिससे देशभर में भारी विरोध हुआ. उस समय सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया था और सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की थी. एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, उस हिंसा में 300 से अधिक लोग मारे गए, जबकि ईरान सरकार ने 230 मौतों की पुष्टि की थी.
पेजेकियन ने कहा कि वे नहीं चाहते कि ऐसी घटनाएं फिर से हों. उन्होंने कहा कि हम ऐसे फैसले नहीं लेंगे जिनसे समाज में तनाव या जटिलताएं बढ़ें. इस बीच, संसद सदस्य हामिद रसाई ने दावा किया है कि सरकार एक नया प्रस्ताव ला रही है, जिसके तहत पेट्रोल की डिलीवरी और स्टेशन चार्ज जोड़ने के बाद कीमत 1,500 तोमन से बढ़कर 5,500 तोमन प्रति लीटर हो सकती है. हालांकि सरकार ने इस पर आधिकारिक बयान नहीं दिया है.
खामेनेई की मंजूरी के बाद कीमतें बढ़ी थीं
2019 में जब पेट्रोल की कीमतें बढ़ाई गई थीं, तो उस समय के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा था कि यह फैसला देश के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई और सरकार की तीनों शाखाओं की मंजूरी से लिया गया था. बाद में खामेनेई ने प्रदर्शनकारियों को दुष्ट कहा था और सुरक्षा बलों को कार्रवाई के लिए खुली छूट दी थी.
इसके बाद एक सप्ताह तक पूरे देश में इंटरनेट बंद रहा और विरोध प्रदर्शनों को हिंसक तरीके से दबाया गया. नवंबर 2019 की हिंसा के बाद ईरान की सरकार ने माना कि पेट्रोल की कीमत बढ़ानी जरूरी है, लेकिन फिलहाल ऐसा करने की कोई योजना नहीं है.
