pregnancy ke dauran vitamin B 12 aur Iron ki kami se bachche kamjor ho rahe…

प्रेगनेंसी के दौरान यदि मां में विटामिन बी 12 और आयरन जैसे पोषक तत्वों की कमी हो जाए, तो इसका सीधा असर बच्चे के स्वास्थ्य पर पड़ता है। लैंसेट पत्रिका की हालिया स्टडी बताती है कि भारत में गर्भवती महिलाओं में विटामिन बी 12 और आयरन की कमी के कारण बच्चे अंडरवेट और कम हाइट वाले हो रहे हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान मां और गर्भ में पल रहे बच्चे का विशेष ख्याल रखा जाता है। पौष्टिक आहार के साथ-साथ जरूरी सप्लीमेंट भी दिए जाते हैं। इस दौरान आयरन, फॉलिक एसिड और विटामिन बी 12 सप्लीमेंट भी लिए गर्भावस्था में दिए जाते हैं। किसी कारणवश यदि मां के शरीर को संपूर्ण पोषण नहीं मिलता है, तो मां और बच्चे दोनों को पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इसके कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं भी हो जाती हैं। बच्चों का कम वजन होना यानी उनका अंडर वेट होना मुख्य समस्या के रूप में सामने आता है। स्वास्थ्य पत्रिका लैंसेट में प्रकाशित अध्ययन भी इस ओर कुछ ऐसा ही इशारा करते हैं। जानते हैं क्या कहती है स्टडी (vitamin b12 deficiency in pregnancy) और क्या हो सकती है वजह?
क्या कहती है स्टडी (study on malnutrition in India)
लैंसेट पत्रिका में प्रकाशित स्टडी निष्कर्ष बताते हैं कि भारत कम वजन वाली बच्चियों के मामले में दुनिया में सबसे ऊपर स्थान पर है। अंडरवेट लड़कों के मामले में यह दूसरे स्थान पर है। भारत में 2022 में पांच से 19 साल के बीच की लगभग 3.5 करोड़ लड़कियां और 4.2 मिलियन लड़के कम वजन के थे। 1990 में यह आंकड़ा 3.9 करोड़ लड़कियां और 7 करोड़ लड़के का था।
वयस्कों में भी 2022 में 6.1 करोड़ महिलाएं और 5.8 करोड़ पुरुष कम वजन वाले थे। 1990 में 41.7 प्रतिशत से घटकर महिलाओं के लिए 13.7 प्रतिशत और पुरुषों के लिए 39.8 प्रतिशत से घटकर 12.5 प्रतिशत (vitamin b12 deficiency in pregnancy) हो गया।
मोटापा और कुपोषण दोनों की है समस्या (Obesity and malnutrition problem)
रिपोर्ट पहले से ही भारत में मोटापे की स्थिति को भी खतरनाक बता चुकी है। भारत के युवाओं में दुबलेपन का अनुपात दर्शाता है कि हम कुपोषण के दोहरे बोझ से जूझ रहे हैं। एक तरफ अधिक खाना तो दूसरी तरफ कम खाना। शोधकर्ताओं के अनुसार, कुपोषण के दोनों रूपों से निपटने के लिए विशेष रूप से स्कूल जाने वाले बच्चों और किशोरों के बीच स्वस्थ, पौष्टिक खाद्य पदार्थों के प्रति रुचि और उपलब्धता में सुधार (vitamin b12 deficiency in pregnancy) करना होगा।
क्यों अंडरवेट पैदा हो रहे हैं बच्चे (cause of underweight children)
बच्चों को आवश्यकता से कम पोषक तत्व मिलने के साथ-साथ गर्भवती महिला का कुपोषण का शिकार होना प्रमुख कारण हो सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, आधे से अधिक गर्भवती महिलाएं आयरन और विटामिन बी12 जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से पीड़ित हैं।


लैंसेट फूड कमीशन, एनएफएचएस सर्वेक्षण और राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षणों से पता चला है कि बच्चे अलग-अलग आहार नहीं ले पाते हैं। स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में पोषण, स्वस्थ भोजन की आदतें, स्वस्थ भोजन की खपत और खेल-कूद जैसी शारीरिक गतिविधियों में वृद्धि पर आधारित अध्याय भी अधिक जोड़े जाने चाहिए।
खाने की गलत आदतें हैं जिम्मेदार (Bad eating habit)
भारत में अलग-अलग आहार लेने की परंपरा भी खराब है । कम से कम एक-तिहाई से एक-चौथाई टीन एज लड़कियां अनुचित शिशु आहार प्रथाओं के कारण कुपोषित हैं। खासकर तीन साल से कम उम्र के बच्चों में यह अधिक देखा गया है। इसके कारण छोटे कद और कम वजन वाली लड़कियां अधिक देखि जा रही हैं। 35 किलोग्राम से कम वजन वाली और 145 सेमी से कम ऊंचाई वाली महिलाएं कम वजन वाले बच्चों को जन्म देती हैं।
विटामिन बी 12 डेफिशिएंसी बन रही है एनीमिया का कारण (Vitamin B12 deficiency causes Anemia)
विकसित हो रहा भ्रूण पर्याप्त आयरन, विटामिन बी 12 और फोलिक एसिड पाने के लिए मां पर निर्भर करता है। खासकर पहली तिमाही के दौरान एनीमिया भ्रूण के विकास को प्रभावित कर सकता है। यदि एनीमिया का इलाज नहीं किया जाता है, तो बच्चे को जन्म के बाद एनीमिया होने का खतरा अधिक होता है, जिससे विकास संबंधी समस्याएं (vitamin b12 deficiency in pregnancy) हो सकती हैं।

बहुत कम रेड ब्लड सेल्स (Low count of Red blood cells)
बहुत कम रेड ब्लड सेल्स वाली महिलाओं को आयरन की कमी वाला एनीमिया हो सकता है। गर्भावस्था से पहले हेल्दी न्यूट्रिशन आयरन की कमी को रोकने में मदद कर सकता है, जो एनीमिया का कारण बनता है। गर्भावस्था में विटामिन बी12 की कमी से भी एनीमिया हो सकता है। विटामिन बी12 रेड ब्लड सेल्स और प्रोटीन को बनाने में मदद (vitamin b12 deficiency in pregnancy) करता है।
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