मासूम लोगों को गुमराह करने की साजिश…गांधी के ‘ईश्वर अल्लाह तेरो नाम’ वाले भजन… – भारत संपर्क

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मासूम लोगों को गुमराह करने की साजिश…गांधी के ‘ईश्वर अल्लाह तेरो नाम’ वाले भजन… – भारत संपर्क
मासूम लोगों को गुमराह करने की साजिश...गांधी के 'ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम' वाले भजन पर विवेक अग्निहोत्री का बयान

विवेक अग्निहोत्री, महात्मा गांधी

महात्मा गांधी देश के सबसे पॉपुलर चेहरा रहे हैं. उन्हें कई सारे उपनामों से पुकारा जाता है. हर नुक्कड़-गलियारों में बापू पर चर्चा होती रहती है. 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पूण्यतिथि होती है. इस मौके पर उन्हें लोग श्रद्धांजलि देते हैं. इसके अलावा लोग अपने-अपने अंदाज में गांधी की व्याख्यान करते हैं. हाल ही में अपनी बेबाकी के लिए मशहूर डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने इस मौके पर गांधी जी को लेकर एक पोस्ट लिखी और अपने विचार व्यक्त किए. सोशल मीडिया पर लोग इसपर अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं.

सोशल और पॉलिटिकल इश्यूज पर फिल्में बनाने वाले डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने महात्मा गांधी के बारे में बातें की. उन्होंने एक फोटो शेयर की जिसमें बड़े अक्षरों में हे राम लिखा था. इसी के साथ उन्होंने कैप्शन में लिखा- गांधी ने एक हिंदू भजन में इश्वर अल्लाह तेरो नाम लिखकर उसे बदल दिया. उन्हें जबकी इस बात का अंदाजा था कि ईश्वर और अल्लाह दोनों कॉन्सेप्चुअली एक-दूसरे के अपोजिट हैं. ये मासूम लोगों को गुमराह करने की साजिश थी. यहां तक कि गांधी भी इस बात पर विश्वास नहीं करते थे. इसलिए तो इस बात पर हैरानी नहीं होनी चाहिए कि उनके आखिरी शब्द थे- हे राम.

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अब विवेक की इस बात पर लोगों के खूब रिएक्शन्स भी आ रहे हैं. एक शख्स ने इसपर कमेंट करते हुए लिखा- बहुत ठीक, सच सबके सामने आना चाहिए. एक दूसरे शख्स ने कहा- नानक जी ने भी कहा था कि सब एक हैं. इसके अलावा कई लोगों ने तो गाने की दो अलग-अलग लिरिक्स भी शेयर कर दी. इसमें बदलाव साफ नजर भी आ रहा था. विवेक को फैंस की तरफ से ढेर सारे व्यूज मिले. कोई उनके इस बयान का सपोर्ट करता नजर आया तो कुछ लोगों ने इसका विरोध भी किया.

क्या है सच्चाई?

सच्चाई की बात करें और इतिहास के पन्नों को पलटें तो हम पाएंगे कि इस गाने की दो अलग-अलग लिरिक्स हैं. जो वर्जन महात्मा गांधी का है वो ज्यादा पॉपुलर है और ज्यादा ट्रेंड में रहा है. इस गाने के असल रचयिता की बात करें तो रिपोर्ट्स के मुताबिक इसे 17वीं सदी में कवि और संत स्वामि रामदास ने लिखा था. उस समय से ये गाना चला आ रहा है. जहां पर महात्मा गांधी वाले वर्जन में ‘ईश्वर अल्लाह तेरो नाम’ को शामिल किया गया है वहीं रामदास वाले वर्जन में ‘सुंदर विग्रह मेघाश्याम’ का जिक्र है.

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