गजब! उपसरपंच को नहीं दिया वोट, 400 खेतों का रास्ता किया बंद; ग्रामीण नहीं क… – भारत संपर्क
उपसरपंच ने किया रास्ता बंद
मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के बदरवास थानांतर्गत ग्राम छोटी घुरवार में ग्राम पंचायत रिजौदी के उपसरपंच ने तीन दिन से ग्रामीणों के खेतों पर जाने का रास्ता बंद कर दिया है. ग्रामीण तीन दिन से प्रशासनिक अधिकारियों को शिकायत दर्ज करवा रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. मंगलवार को जब ग्रामीण थाने पर जाकर खड़े हो गए तो राजस्व व पुलिस का अमला गांव तो पहुंचा लेकिन रास्ता अभी तक नहीं खुला है.
जानकारी के अनुसार 19 अक्टूबर को ग्राम पंचायत रिजौदी के उपसरपंच जीतू यादव ने ग्राम घुरवार में अपने खेत के पास से गुजरने वाले सरकारी रास्ते पर मिट्टी डालकर सरकारी रास्ते को बंद कर दिया है. ग्रामीणों के अनुसार इस रास्ते के बंद होने के कारण आगे करीब 400 खेतों का रास्ता बंद हो गया है. ग्रामीणों के अनुसार उन्होंने जब जीतू यादव से यह रास्ता खोलने के लिए कहा तो वह रास्ता खोलने के लिए तैयार नहीं हुआ.
राजस्व-पुलिस के बीच मामला
ग्रामीणों का कहना है कि 19 अक्टूबर से वह तहसील और थाने में लगातार शिकायत कर रहे हैं, लेकिन तहसील वाले थाने जाने की सलाह देते हैं और थाने वाले इसे राजस्व का प्रकरण बताकर भगा देते हैं. इस कारण तीन दिन से लगभग 400 खेतों का रास्ता बंद पड़ा हुआ है. ग्रामीण अपने खेतों पर नहीं दे पा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह से खेतों पर फसल पूरी तरह से खराब हो जाएगी. इसी के चलते मंगलवार की सुबह ग्रामीण बदरवास थाने पहुंचे और अपनी बात को गंभीरता से रखते हुए कहा कि आपकी यह लापरवाही किसी खूनी संघर्ष का कारण बन सकती है, तब कहीं जाकर थाने का स्टाफ और पटवारी नरेश शर्मा और आरआई प्रहलाद परिहार गांव पहुंचे.
क्या बोले जिम्मेदार?
पटवारी नरेश शर्मा ने कहा कि वह, आरआई और पुलिसकर्मी गांव गए थे. गांव में बातचीत के बाद हमें यह बताया गया है कि हम आपस में सुलह कर लेंगे और रास्ता खोल लेंगे. मुझे लगता है अब तक तो रास्ता खुल गया होगा. वहीं ग्रामीण यशपाल यादव का कहना है कि हम तीन दिन से परेशान हो रहे हैं, हमारी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है. पुलिस और राजस्व के लोग आज तीन दिन बाद ग्रामीणों के थाने पहुंचने पर गांव आए थे, लेकिन रास्ते का कोई हल नहीं निकला. पुलिस व प्रशासन जीतू यादव के दबाब में हैं.
एसडीएम कोलारस अनूप श्रीवास्तव ने कहा कि यह मामला अभी मेरे संज्ञान में नहीं है, न ही मुझे किसी ने अभी तक बताया है. मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है. मैं दिखवाता हूं. प्रकरण में उचित वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
