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बारिश के साथ बरस रही बीमारी, अस्पताल में कम पड़ रहे बेड, मेडिकल कालेज अस्पताल में लगाए गए अतिरिक्त बिस्तर
कोरबा। मेडिकल कालेज अस्पताल में मरीजों की संख्या में एकाएक इजाफा हुआ है। इनमें सर्वाधिक मरीज बुखार, सर्दी खांसी के शामिल है। बताया जा रहा है कि अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों में सुदूर वनांचल व ग्रामीण क्षेत्र के लोग शामिल हैं। जिनका रक्त परीक्षण कर जांच और इलाज किया जा रहा है है। खास तो यह है कि बीमारी के कारण वार्ड के साथ लेब में भी दबाव बढ़ गया है। जिले में बीते कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है। जिसका सीधा असर सेहत पर पड़ रहा है। मलेरिया व डेंगू के अलावा अन्य बीमारियां तेजी से फैल रही है। जिसका अंदाजा निजी और सरकारी अस्पतालों में लगने वाली मरीजों की भीड़ से लगाया जा सकता है। मेडिकल कालेज अस्पताल की बात करें ती आलम यह है कि वार्डों में अतिरिक्त बेड लगाना पड़ा। जिसकी संख्या आने वाले दिनों में बढ़ाई जा सकती है। मेडिकल कालेज अस्पताल के ओपीडी में सामान्य दिनों में 750 से 800 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इनमें 40 से 50 मरीजों को भर्ती करने की जरूरत पड़ती है। उनका उपचार वार्डों में किया जाता है। यह स्थिति बिलकुल विपरीत हो गई है। बीते कुछ दिनों से ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। दो दिन पूर्व ओपीडी में 950 मरीजों का पंजीयन किया गया था। इनमें 131 मरीजों को अस्पताल में दाखिल किया गया। जिनका उपचार अलग-अलग बाड़ों में किया जा रहा है। एकाएक मरीजों की बढ़ती संख्या ने प्रबंधन की परेशानी भी बढ़ा दी है। बताया जा रहा है कि लगातार हो रही बारिश के कारण दूषित जल से होने वाली बीमारी तो बढ़ी है, इसके अलावा पानी के कारण पनपने वाले मच्छर के काटने से मलेरिया व डेंगू जैसे बीमारी से पीडि़त मरीज भी सामने आ रहे हैं। खासकर वनांचल क्षेत्र में मलेरिया ने ग्रामीणों को बुरी तरह से जकड़ लिया है। इस बीमारी से पीडि़तठ्ठमरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। प्रबंधन द्वारा अस्पताल में आने वाले मरीजों को बेड की कमी के कारण भटकना न पड़े इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। जहां अस्पताल के सर्जिकल और इमरजेंसी वार्ड में अतिरिक्त बेड लगाए गए हैं। वहीं ट्रामा वार्ड के गैलरी सहित अन्य स्थानों में बेड लगाकर मरीजों का उपचार किया जा रहा है। आलम यह है कि अस्पताल में पांव रखने की जगह नहीं है। आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या और बढ़ सकती है।
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बरसते पानी के बीच कर रहे शिफ्ट
मेडिकल कालेज अस्पताल में मरीजों की संख्या इतनी अधिक है कि उन्हें सुविधा के अनुसार अलग-अलग वार्डों में शिफ्ट किया जा रहा है। जिसमें ट्रामा वार्ड भी शामिल है। मुख्य अस्पताल से मरीजों को स्ट्रेचर में बरसते पानी के बीच ट्रामा वार्ड में शिफ्ट करना मजबूरी बन गई है।