Domariyaganj Lok Sabha Seat: यहां से जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं जगदंबिका प… – भारत संपर्क

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Domariyaganj Lok Sabha Seat: यहां से जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं जगदंबिका प… – भारत संपर्क

यहां जीत का चौका लगाने उतरेंगे जगदंबिका पाल
Image Credit source: tv9 भारतवर्ष
डुमरियागंज उत्तरप्रदेश का एक लोकसभा सीट है. नेपाल सीमा से सटा यह क्षेत्र सिद्धार्थनगर जिले का हिस्सा है. बीजेपी के जगदंबिका पाल यहां के सांसद हैं. डमुरियागंज लोकसभा एक ऐतिहासिक महत्व वाला क्षेत्र है. गौतमबुद्ध का क्रीड़ास्थल कहा जाने वाला कपिलवस्तु यहीं है. इसके साथ ही यह क्षेत्र काला नमक और चावल के लिए दुनिया भर में मशहूर है. जिंक और आयरन से भरपूर यहां के चावल का जिक्र संयुक्त राष्ट्र की ‘स्पेसिअलिटी राइस ऑफ वर्ल्ड’ किताब में है. इस लोकसभा क्षेत्र में डुमरियागंज,कपिलवस्तु, शोहरतगढ़, बांसी, इटवा विधानसभा क्षेत्र हैं. डुमरिया गंज कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था लेकिन अब यहां बीजेपी का झंडा फहरा रहा है.
जगदंबिका पाल लगातार तीन बार यहां से सांसद हैं. एक बार कांग्रेस पार्टी और पिछली दो बार से वह बीजेपी की टिकट पर लोकसभा पहुंचे हैं. बीजेपी ने 195 उम्मीदवारों की जो पहली सूची जारी की है उसमें डुमरियागंज से जगदंबिका पाल का भी नाम है. जगदंबिका पाल यहां से जीत का चौका लगाने के लिए मैदान में हैं जबकि समाजवादी पार्टी ने अभी अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है.
2019 में पाल ने लगाई थी जीत की हैट्रिक
जंगदंबिका पाल डुमरिया गंज से लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं. 2009 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी. 2014 से पहले वह बीजेपी में शामिल हो गए और मोदी लहर में यहां से जीत दर्ज करने में कामयाब हुए. 2019 में भी भारतीय जनता पार्टी ने उनपर भरोसा जताया है जिसके बाद उन्होंने जीत की हैट्रिक लगाई. 2019 में उन्होंने 1,05,321 वोटों से चुनाव जीता था. जंगदंबिका पाल को 492,253 वोट जबकि बसपा के आफताब आलम को 3,86,932 वोट मिले थे. तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस पार्टी के चंद्रेश उपाध्याय को यहां 60,549 वोट मिला था. इससे पहले 2014 में जंगदंबिका पाल ने बसपा के ही मोहम्मद मुकीम को 1,03,588 वोटों से हराया था. 2009 में वह कांग्रेस की टिकट पर मैदान में थे. तब उन्होंने बीजेपी के जयप्रताप सिंह को 76,566 वोटों से हराया था.
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डुमरिया गंज का राजनीतिक इतिहास
डुमरियागंज में 1952में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस पार्टी के केशव देव मालवीय ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद 1957 में कांग्रेस के ही रामशंकर और 1962 में कृपाशंकर ने जीत दर्ज की. 1967 में भारतीय जनसंघ के नारायण स्वरूप शर्मा जीत दर्ज करने में कामयाब हुए. फिर 1971 में कांग्रेस के केशव देव मालवीय. 1977 में जनता पार्टी के माधव प्रसाद त्रिपाठी. 1980 और 1984 में कांग्रेस पार्टी से काजी जलील अब्बासी ने जीत दर्ज की. 1989 में यहां जनता दल के बृजभूषण तिवारी जीते.
राममंदिर आंदोलन के बाद 1991 में बीजेपी ने यहां खाता खोला और भगवा पार्टी के रामपाल सिंह ने जीत दर्ज की. इसके बाद 1996 में सपा के बृजभूषण तिवारी, फिर 1998 और 1999 में हुए दो चुनाव में बीजेपी के रामपाल सिंह ने जीत दर्ज की. 2004 में बसपा ने भी यहां खाता खोला और मोहम्मद मुकीम ने जीत दर्ज की बाद. 2009 से जगदंबिका कांग्रेस और फिर 2014 और 2019 में बीजेपी से लगातार बार तीन बार जीत दर्ज सांसद पहुंचे हैं. जंगदंबिका पाल से पहले बीजेपी के रामपाल ने भी यहां तीन बार चुनाव जीता था.
डुमरियागंज का सामाजिक ताना-बाना
डुमरियागंज लोकसभा सिद्धार्थनगर जिले का हिस्सा है.23 दिसम्बर 1988 को बस्ती से अलग कर सिद्धार्थनगर बनाया गया था. इस क्षेत्र की गिनती देश के 100 सबसे ज्यादा पिछड़े जिलों वाले इलाके में है.यहां विकास की गति बहुत धीमी है. विकास यहां का मुख्य चुनावी मुद्दा है.इस लोकसभा क्षेत्र की आबादी 25,59,297 है. इसमें 43 प्रतिशत अल्पसंख्यक आबादी है. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 50 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि बसपा गठबंधन उम्मीदवार को 40 प्रतिशत वोट मिला. कांग्रेस का वोट शेयर करीब 7 प्रतिशत था. 2019 में कुल 985269 (52 प्रतिशत) मतदाताओं ने वोट किया था.
बात विधानसभा की करें तो डुमरियागंज के पांच विधानसभा क्षेत्र में दो पर बीजेपी और एक पर उनकी सहयोगी पार्टी अपना दल के विधायक हैं. जबकि दो सीटों पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की है. भारतीय जनता पार्टी ने एकबार फिर यहां से मौजूदा सांसद जगदंबिका पाल को मैदान में उतारा है. अगर वह जीतने में कामयाब होते हैं तो यह उनकी बीजेपी से लगातार तीसरी और उनकी कांग्रेस के साथ मिलाकर चौथी जीत होगी.

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