फ्लोरा मैक्स फर्जीवाड़ा मामला: निवेशकों के दवाब में पीया…- भारत संपर्क

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फ्लोरा मैक्स फर्जीवाड़ा मामला: निवेशकों के दवाब में पीया जहर, हॉस्पिटल में उपचार जारी, 370 महिलाओं को जोडऩे का दिया जाता था टारगेट

कोरबा। फ्लोरा मैक्स कंपनी के धोखाधड़ी मामले में चौकाने वाली घटना सामने आई है। कंपनी द्वारा किए गए झूठे वादे और निवेशकों के बढ़ते दबाव के कारण महिला एजेंट के पति संतोष साहू 50 ने जहर सेवन कर लिया है। उनका इलाज बीडीएम अस्पताल में किया जा रहा है। इससे पहले कोरबा में फ्लोरा मैक्स से जुड़ी एक महिला आत्महत्या कर जान दे चुकी है।मामले में पीडि़त का बयान नायब तहसीलदार प्रशांत गुप्ता द्वारा लिया गया। पुलिस की टीम मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई है। फ्लोरा मैक्स कंपनी की महिला एजेंट नीरा साहू ने बताया कि वह 2 साल पहले फ्लोरा मैक्स कंपनी में जुड़ी थी। कंपनी के संचालक अखिलेश सिंह ने कमीशन व अन्य लाभों का लालच देकर उन्हें नेटवर्क में शामिल किया। नीरा ने 30 हजार रुपए शुरुवाती में जमा किया। ज्यादा कमीशन के प्रलोभन में आकर वह 8 अलग-अलग बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से लोन लिया। उन्होंने 380 महिलाओं को अपने चैनल में जोड़ा लेकिन कंपनी ने समय पर किश्तें देना बंद कर दिया। जिससे निवेशकों और बैंक का दबाब बढऩे लगा। नीरा साहू के पति संतोष साहू ने कहा कि कंपनी के झूठे वादों ने उनकी आर्थिक स्थिति बर्बाद कर दी। परिवार मानसिक और आर्थिक स्थिति झेल रहा है। महिलाओं को झूठे वादों और प्रलोभनों में फंसाकर आर्थिक शोषण करने वाले फ्लोरा मैक्स कंपनी के खिलाफ पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। एसडीओपी के निर्देशन में यह जांच की जा रही है। फ्लोरा मैक्स कंपनी ने महिलाओं को 30 हजार का निवेश करवाने पर हर महीने 2700 किश्त देने और अधिक जॉइनिंग पर बोनस एवं अन्य पुरस्कार देने का वादा किया था। कंपनी ने बड़ी संख्या में महिलाओं को इस योजना में शामिल कर उनसे मोटी रकम वसूली। चाम्पा क्षेत्र की नीरा साहू जिन्होंने 380 महिलाओं को जोड़ा था। इस घोटाले का शिकार हुईं। कंपनी के वादे पूरे न होने और निवेशकों के बढ़ते दबाव के कारण उन्होंने आत्महत्या का प्रयास किया। ज्ञात रहे कि कोरबा में भी इस तरह की घटना सामने आ चुकी है। बढ़ते दबाव के बीच कंपनी से जुड़ी महिला व उनके परिजन आत्मघाती कदम उठाने लगे हैं।
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माइक्रो फायनेंस कंपनियां बना रही दबाव
महिलाओं को माइक्रो फायनेंस कंपनियों ने नियम कायदों को ताक पर रखकर लोन दिया है। कंपनी के डायरेक्टर सहित टॉप टेन में शामिल एजेंट सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं। लिए गए लोन की किश्त जमा नहीं हो रही है। ऐसे में जिन महिलाओं के नाम पर लोन लिया गया है उनके घर माइक्रो फायनेंस कंपनी के कर्मचारी पहुंच रहे हैं। लोन जमा करने उन पर दबाव बनाया जा रहा है, जिसकी शिकायत लेकर बड़ी संख्या में महिलाएं एसपी ऑफिस पहुंची थी। उनका कहना था कि सुबह से बैंक के कर्मी पहुंच जाते हैं। कंपनी के संबंधित गिरफ्तार हैं। कार्यालय खुल नहीं रहा है। ऐसे कारोबार ठप है। अब उन पर किश्त जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है।
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पुलिस जुटा चल अचल संपत्ति की जानकारी
कोरबा पुलिस ने फ्लोरा मैक्स ठगी मामले में आरोपियों के खिलाफ कोतवाली थाना में धारा 318 (2) (4), 336, 338, 3 (5) बीएनएस व 6, 10 निक्षेपकों के संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। पुलिस के द्वारा विवेचना की जा रही है। समस्त कलेक्टर व जिला दण्डाधिकारी को पत्राचार कर आरोपीगण व उनके निकटतम संबंधी के चल अचल संपत्ति की जानकारी ली जा रही है।

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