सरगांव में मंदबुद्धि- मूकबधिर युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म…- भारत संपर्क
आकाश दत्त मिश्रा
जघन्य अपराधो को भी अंजाम देने वाले आरोपियों को लगता है कि कानून के गलियारे में इतने छेद है कि वे अपने वकील के माध्यम से छूट ही जाएंगे। और अक्सर यह देखा भी जाता है कि देशद्रोह, रेयरेस्ट ऑफ रेयर, जघन्य हत्या, दुराचार जैसे मामलो में भी आरोपियों को बड़े वकील मिल जाते हैं और वे अदालत से बरी होने में भी कामयाब हो जाते हैं, लेकिन ऐसे ही एक मामले में जिला अधिवक्ता संघ मुंगेली ने अपने पेशे में आदर्श की नई मिसाल प्रस्तुत की है।
पिछले मुंगेली जिले के जरहागांव क्षेत्र में तीन नर पिशाचों ने एक मूकबधिर, मानसिक विकलांग निरीह युवती के साथ सामूहिक बलात्कार करते हुए उसका वीडियो भी बना लिया था। हालांकि लोगों की सतर्कता से तीनों ही आरोपी पकड़ लिए गए। इसकी जानकारी होने पर हर ओर घटना की कठोर शब्दों में निंदा हुई , जिसके बाद इस मामले में आरोपियों के अमानवीय हरकत को देखते हुए जिला अधिवक्ता संघ मुंगेली ने अभूतपूर्व निर्णय देते हुए इन सभी आरोपियों का मुकदमा नहीं लड़ने का फैसला लिया।
जिला अधिवक्ता संघ मुंगेली के अध्यक्ष ठाकुर राजमल सिंह ने इसे मामले में एक बैठक ली और सभी अधिवक्ताओं ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया , जिसके अनुसार जिला अधिवक्ता संघ मुंगेली का कोई भी अधिवक्ता इन नर पिशाचों की पैरवी अदालतो में नहीं करेगा ।उन्होंने भविष्य में भी ऐसे अपराध करने वाले किसी भी अपराधी के लिए कानूनी लड़ाई नहीं लड़ने का फैसला लिया, साथ ही जिलाअधिवक्ता संघ मुंगेली ने बिलासपुर के अधिवक्ताओं से भी अपील की है कि वे भी सहयोग करते हुए ऐसे नराधमो के मुकदमे ना लड़े , जिससे कि उन्हें उनके अपराध की कठोर से कठोर सजा मिल सके।
क्या है पूरा मामला
जरहागांव थाना क्षेत्र में 22 वर्षीय अर्धविक्षिप्त, मूकबधिर युवती के साथ पड़ोसी गांव के तीन बदमाशों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। घटना 19 दिसंबर की है। शाम को युवती नहाने के लिए तालाब जा रही थी, उसे अकेला देखकर पड़ियाईन निवासी तीनों बदमाश राजू टंडन, बिरिज और जलेश रात्रे उसे गांव से दूर सुनसान खेत में ले गए और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इस दौरान इन लोगों ने उसका वीडियो भी बना लिया, लेकिन इसी बीच ग्रामीणों की सतर्कता से तीनों आरोपी पकड़े गए। इस घटना ने ग्रामीणों के साथ पुलिस को भी झकझोर दिया।
इस घटना की चर्चा और निंदा हर ओर हुई जिसके बाद मुंगेली के संवेदनशील अधिवक्ताओं ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया।
इससे पहले राजधानी दिल्ली में निर्भया का मामला हो या फिर देश पर हमलावर कसाब का , ऐसे लोगों को भी वकील मिल गए, जिसने इस तरह के अधिवक्ताओं के सामाजिक निष्ठा और देश प्रेम पर सवाल उठाया था। उस क्रम में मुंगेली जिला अधिवक्ता संघ के इस कदम की चहुँओर सराहना हो रही है ।
जब अपराधियों को पता होगा कि उनके ऐसे जघन्य कर्म के बाद कोई भी वकील उनकी पैरवी नहीं करेगा तो इसके बाद ऐसे अपराधियों की हिम्मत नहीं होगी कि वे इस तरह के अपराधों को अंजाम दे।
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