नेतन्याहू की धमकी से डरी जियोर्जिया मेलोनी, इटली ने गाजा फ्लोटिला की सुरक्षा से खींचा… – भारत संपर्क

गाजा की नाकाबंदी तोड़ने निकला दुनिया भर के सामाजिक कार्यकर्ताओं का काफिला सुमुद फ्लोटिला गाजा के करीब पहुंच चुका है और वह अब गाजा की सीमा से कुछ ही घंटो दूर है. इस काफिले में दर्जनों शिप हैं और इसमें आम नागरिकों के साथ-साथ इटली के सांसद और यूरोपीय संसद के सदस्य भी शामिल हैं.
गाजा जा रहे फ्लोटिला को रोकने की धमकी इजराइल पहले ही दे चुका है. जिससे बचाव के लिए इटली और स्पेन ने निगरानी करने और बचाव सहायता प्रदान करने के लिए नौसेना के जहाज भेजे हैं, क्योंकि डर है कि इजराइली इस बेड़े पर हमला कर सकता है. लेकिन अब इटली की वॉर शिप ने हाथ खड़े कर दिए हैं. ऐसा लग रहा है, जैसे इटली पीएम मेलोनी, नेतन्याहू से डर गई हैं.
इटली रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि इटली की नौसेना गाजा में सहायता पहुंचाने की कोशिश कर रहे अंतरराष्ट्रीय बेड़े का पीछा करना बंद कर देगी. मंत्रालय ने कहा कि जैसे ही बेड़ा तट से 150 समुद्री मील (278 किमी) के भीतर पहुंचेगा, वॉर शिप रुक जाएगी.
पहले जारी की जाएगी चेतावनी
बयान में आगे कहा गया है कि वॉर शिप कार्यकर्ताओं को दो चेतावनियां जारी करेगा, दूसरी और आखिरी चेतावनी लगभग 00:00 GMT पर जारी होने की संभावना है, जब फ्लोटिला के निर्धारित दूरी के भीतर पहुंचने की उम्मीद है.
इटली की चेतावनी पर ध्यान नहीं देंगे फ्लोटिला सदस्य
मंगलवार को फ्लोटिला की एक इतालवी प्रवक्ता, मारिया एलेना डेलिया ने कहा कि कार्यकर्ताओं को सरकार की इस योजना के बारे में बता दिया गया है कि नौसेना का जहाज इजराइल के साथ कूटनीतिक विवाद से बचने के लिए रुक कर वापस लौट जाएगा. उन्होंने कहा कि फ्लोटिला का तट के करीब न आने की इटली की चेतावनियों पर ध्यान देने का कोई इरादा नहीं है.
पिछले हफ्ते की गई थी सैन्य जहाजों की तैनाती
इटली और स्पेन ने पिछले हफ्ते फ्लोटिला की मदद के लिए नौसेना के जहाज तैनात किए थे, जब ग्रीस के पास इंटरनेशनल वॉटर में स्टन ग्रेनेड और उत्तेजक पदार्थों से लैस ड्रोनों ने इस पर हमला किया था, लेकिन इन नौसैनिक जहाजों का सैन्य तौर से इजराइल से भिड़ने का कोई इरादा नहीं था.
समर्थक इस फ्लोटिला को सुमुद का एक शांतिपूर्ण कार्य बताते हैं. जो गाजा की 18 साल पुरानी नाकाबंदी के खिलाफ है. वे 2010 के मावी मरमारा हमले की याद दिलाते हैं, जब इजराइली सेना ने समुद्र में नौ कार्यकर्ताओं को मार डाला था और इसे एक और हिंसक घुसपैठ के खतरों की चेतावनी के रूप में देखते हैं.