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हरदीबाजार में नापी सर्वे का भारी विरोध, माहौल तनावपूर्ण, भारी संख्या में बल की तैनाती
कोरबा। एसईसीएल दीपका परियोजना से प्रभावित ग्राम हरदीबाजार ग्राम में बुधवार को हुए नापी सर्वे के दौरान भारी तनाव का माहौल देखने को मिला। भारी पुलिस बल और प्रशासनिक अमले की मौजूदगी के बीच जब एसईसीएल और राजस्व विभाग की टीमें सर्वे के लिए गांव में दाखिल हुईं, तो ग्रामीणों का गुस्सा अचानक फूट पड़ा। गांव के शासकीय भवनों और परिसंपत्तियों के सर्वे को लेकर ग्रामीणों ने प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए जमकर विरोध किया। ग्रामीणों का कहना है कि एसईसीएल दीपका प्रबंधन द्वारा लगातार आश्वासन के बावजूद न तो मुआवजा तय हुआ है और न ही पुनर्वास की स्पष्ट योजना दी गई है। स्थिति बिगड़ती देख मौके पर पहुंचे एसडीएम रोहित सिंह ने ग्रामीण प्रतिनिधियों से करीब दो घंटे तक लगातार चर्चा की। हालांकि प्रयासों के बावजूद कोई ठोस सहमति नहीं बन सकी। ग्रामीणों और प्रशासन के बीच तनातनी का माहौल बना हुआ था और पुलिस बल गांव के चारों ओर मुस्तैद है। जिला प्रशासन ने पहले से ही भारी सुरक्षा बल तैनात किया है। स्थानीय थाना हरदीबाजार, दीपका और कुसमुंडा के जवानों के साथ-साथ सशस्त्र बल और कार्यपालिक दंडाधिकारी मौके पर डटे रहे। फिर भी प्रशासन को ग्रामीणों की नाराजगी को शांत करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। ग्रामीणों ने एसईसीएल दीपका प्रबंधन पर जनभावनाओं की अनदेखी और बिना संवाद जबरन कार्रवाई करने का आरोप लगाया। स्थानीय लोगों का कहना है कि कंपनी ने वर्षों से विस्थापन और मुआवजा से जुड़े मामलों को लटकाकर रखा है, और अब प्रशासन के सहारे सर्वे की आड़ में गांव खाली कराया जा रहा है। प्रशासन का अचानक सर्वे कराने पहुंचना एकतरफा कार्रवाई माना जा रहा है। ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए कहा जब तक पारदर्शी मुआवजा नहीं होगा, किसी भी सर्वे को नहीं होने देंगे। समाचार लिखे जाने तक गांव में पुलिस बल तैनात है और प्रशासनिक अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। हालांकि अब भी माहौल पूरी तरह शांत नहीं हुआ है और ग्रामीणों की नाराजगी एसईसीएल दीपका प्रबंधन के खिलाफ स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।