हाई बीपी के मरीज वर्कआउट के दौरान ध्यान रखें ये 3 बातें, जानें एक्सपर्ट से |…

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हाई बीपी के मरीज वर्कआउट के दौरान ध्यान रखें ये 3 बातें, जानें एक्सपर्ट से |…
हाई बीपी के मरीज वर्कआउट के दौरान ध्यान रखें ये 3 बातें, जानें एक्सपर्ट से

वर्ल्ड हाइपरटेंशन डेImage Credit source: Freepik

हाई ब्लड प्रेशर आज की तारीख में बेहद ही आम बनता जा रहा है और इसे हाइपरटेंशन के नाम से भी जाना जाता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक भारत में 22 करोड़ लोग हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे हैं. इसमें सिर दर्द, थकान या भ्रम की स्थिति, सांस फूलना, छाती में दर्द, पसीने आना, उल्टी आना और घबराहट जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं.

पहले जहां बढ़ती उम्र में ये परेशानी ज्यादा दिखाई देती थी. वहीं आजकल युवाओं में भी इसके मामले देखे जाते हैं. ऐसे में इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जा रहा है.

स्वस्थ शरीर में ब्लड प्रेशर की मात्रा 120/80 Hg होती है. जब किसी भी इंसान का ब्लड प्रेशर 90/60 से नीचे चला जाता है, तो इस अवस्था को लो बीपी कहते है. लेकिन 130/90 Hg से ऊपर हाई ब्लड प्रेशर की श्रेणी में माना जाता है.

हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को सिर्फ और सिर्फ कंट्रोल में रखा जा सकता है पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता. इसलिए आज की तारीख में इस तेजी से बढ़ती समस्या से बचाव बेहद ज्यादा जरूरी है. जो लोग हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं तो एक्सरसाइज के दौरान आपको कई बातों का ख्याल रखना चाहिए. उन्हें किसी तरह के वर्कआउट या एक्सरसाइज को करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए.

फिटनेस एक्सपर्ट मुकुन नागपान ने कुछ ऐसी बातें बताई हैं जिन्हें एक्सरसाइज के दौरान हाई ब्लड प्रेशर के मरीज को जरूर ध्यान में रखना चाहिए. चलिए जानते हैं इसके बारे में

वर्कआउट के दौरान ब्रीदिंग पर ध्यान दें

एक्सरसाइज के दौरान शरीर ज्यादा मेहनत करता है और शरीर में ऑक्सीजन की जरूरत ज्यादा बढ़ जाती है. अगर आप एक्सरसाइज के दौरान ब्रीदिंग पर ध्यान नहीं देंगे तो ये ब्लड प्रेशर के बढ़ने का कारण बन सकता है. जो आपके सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. ऐसे में वर्कआउट या फिर रनिंग करते समय ब्रीदिंग पर ध्यान दें और सांस फूलने की स्थिति पैदा न होने दें.

वर्कआउट इंटेंसिटी मीडियम करें

हाई बीपी के मरीज को हाई इंटेंसिटी इंटरवर वर्कआउट करने की सलाह नहीं दी जाती है. ये ऐसी एक्सरसाइज होती हैं जिसमें बहुत तेज गति से वर्कआउट किया जाता है और दो एक्सरसाइज के बीच गैप कम रखा जाता है. जैसे बहुत तेजी से कूदना या दौड़ना. इससे मांसपेशियों, हड्डियों और हार्ट पर काफी दबाव पड़ता है. इसलिए हाई बीपी के मरीजों को एक्सरसाइज इंटेंसिटी मिडियम रखनी चाहिए यानी की वर्कआउट की गति ज्यादा तेज नहीं बल्कि सामान्य या मीडियम होनी चाहिए.

220 – उम्र फॉर्मूला

कार्डियों करते समय हार्ट रेट जानने के लिए 220 माइनस उम्र का फार्मूला इस्तेमाल किया जाता है. जैसे कि अगर किसी व्यक्ति कई उम्र 40 है, तो ऐसे में 220-40 हुआ 180 ऐसे में मैक्सिमम हार्ट रेट 140 के आसपास होना चाहिए. ऐसे में एक्सपर्ट इस फॉर्मूले के द्वारा ये निर्धारित करते हैं कि आपको किस तरह की एक्सरसाइज करनी चाहिए.

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