सरकारी चिकित्सकों की जानकारी देने में कोताही बरत रहे अस्पताल…- भारत संपर्क
सरकारी चिकित्सकों की जानकारी देने में कोताही बरत रहे अस्पताल संचालक, गिनती के संचालकों ने ही दिए शपथ पत्र
कोरबा। जिले में कई ऐसे डॉक्टर हैं, जो सरकारी तनख्वाह लेकर अस्पताल से नदारद रहते हैं या फिर निजी प्रेक्टिस करते हैं। ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ नकेल कसने की कवायद शुरू की गई है। राज्य सरकार से गाइड लाइन जारी होने के बाद सीएमएचओ ने भी निजी अस्पताल संचालकों से तीन दिवस के भीतर शपथ पत्र प्रस्तुत करने निर्देश जारी किया है। इस निर्देश का अस्पताल संचालकों पर असर होता नजर नही आ रहा। अब तक गिनती संचालकों ने ही अपने अस्पताल में सरकारी डॉक्टर प्रेक्टिस नही करने की जानकारी प्रदान की है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसएन केशरी ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजनांतर्गत पंजीकृत करीब ढाई दर्जन निजी अस्पताल संचालकों को एक पत्र जारी किया था। सीएमएचओ डॉ. केशरी ने आयुक्त संह संचालक स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ द्वारा 1 अक्टूबर 2024 को जारी गाइड लाइन का हवाला देते हुए लिखा था कि लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के चिकित्सकों को निजी प्रेक्टिस करने की छूट रहेगी, पर निजी प्रेक्टिस सिर्फ कर्तव्य अवधि के बाद की जा सकेगी। नर्सिंग होम या फिर प्राइवेट क्लिनिक मे जाकर प्रेक्टिस की अनुमति का प्रावधान नही है। उन्होंने जारी पत्र का अवलोकन करते हुए कड़ाई से पालन करने का उल्लेख किया था। उन्होंने पत्र के माध्यम से तीन दिवस के भीतर निजी अस्पताल संचालकों को शपथ पत्र प्रस्तुत करने कहा था। यह शपथ पत्र पंजीकृत अस्पताल के लेटर हेड में प्रस्तुत करना था, जिसमें अस्पताल मे कोई भी शासकीय चिकित्सक पूर्ण कालिक, अंश कालिक या फिर ऑन कॉल प्रेक्टिस नही कर रहे हैं, इसका उल्लेख किया जाना था। सीएमएचर्आ कार्यालय से जारी पत्र को लेकर पंजीकृत अस्पताल संचालक गंभीर नजर नही आ रहे। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि
पत्र को जारी हुए तीन सप्ताह बीत गए हैं, लेकिन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय को महज कुछ अस्पताल संचालकों का ही शपथ पत्र प्राप्त हुआ है। जिसे सीएमएचओ ने गंभीरता से लिया है। बताया जा रहा है कि निजी अस्पताल संचालकों को अल्टीमेटम दिया जाएगा,इसके बाद भी शपथ पत्र प्रस्तुत नही करते हैं, तो संचालकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी, ताकि शासन से प्राप्त निर्देशों का पालन सुनिश्चित की जा सके।
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आयुष्मान कार्ड में इलाज का बोर्ड लगाना अनिवार्य
जिले मे कई ऐसे निजी अस्पताल हंैं,जो आयुष्मान योजना के तहत पंजीकृत तो हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में मरीज लाभ से वंचित रह जाते हैं। सीएमएचओ ने मरीजों को शत प्रतिशत लाभ मिल सके। इसके लिए पंजीकृत अस्पताल संचालको को एक निर्देश जारी किया है, जिसमें अस्पताल के सामने हिस्से में काउंटर लगाने कहा गया है, जहां आयुष्मान से उपचार होने की जानकारी का उल्लेख करने कहा गया है,त ताकि उपचार के लिए पहुंचने वालों को जानकारी हो सके। जिले के निजी अस्पतालों में शहरी, उप नगरीय व ग्रामीण अंचल से लोग मरीज को लेकर इलाज के लिए पहुंचते हैं। जहां आयुष्मान से होने वाले इलाज में खर्च की जानकारी नही मिल पाती। जिसके कारण विवाद की स्थिति निर्मित होती है। ऐसी स्थिति निर्मित न हो, इसके लिए जल्द ही मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी व आईएमए के बीच बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में तय किया जाएगा कि अस्पताल में बीमारी पर होने वाले खर्च की जानकारी उपलब्ध कराई जाए।