बिलासपुर में अवैध धर्मांतरण और लव जिहाद के विरोध में विशाल…- भारत संपर्क


संवाददाता- शशि मिश्रा

बिलासपुर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में बीते कुछ महीनों से अवैध धर्मांतरण और लव जिहाद के बढ़ते मामलों को लेकर सनातन समाज में गहरा आक्रोश व्याप्त है। इन्हीं चिंताओं और आक्रोश को स्वर देने के उद्देश्य से मंगलवार को बिलासपुर में “एक युद्ध धर्मांतरण के विरुद्ध” नामक एक विशाल आक्रोश रैली का आयोजन किया गया।

इस रैली की शुरुआत मंगलवार दोपहर गांधी पुतला चौक से हुई, जहां सर्व हिंदू समाज के बैनर तले विभिन्न हिंदू संगठनों से जुड़े हजारों की संख्या में सनातन धर्मावलंबी एकत्रित हुए। भगवा ध्वज, बैनर और नारे लगाते हुए रैली में सम्मिलित जनसमूह ने धर्मांतरण और लव जिहाद के विरुद्ध अपना विरोध प्रकट किया।
सभा में दी चेतावनी, “अब आर-पार की लड़ाई होगी”

रैली से पहले गांधी चौक में एक अनौपचारिक जनसभा का आयोजन किया गया, जिसमें वक्ताओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि अब सनातन समाज किसी भी सूरत में इन गतिविधियों को सहन नहीं करेगा। वक्ताओं ने दावा किया कि बिलासपुर जिले में पिछले कुछ महीनों में दर्जनों धर्मांतरण के मामले सामने आ चुके हैं, जबकि जानकारों के अनुसार जिले के 150 से अधिक स्थानों पर ईसाई मिशनरियों द्वारा विदेशी फंडिंग के आधार पर गुपचुप तरीके से धर्मांतरण करवाया जा रहा है।
सभा में वक्ताओं ने यह भी कहा कि लव जिहाद के माध्यम से सुनियोजित तरीके से हिंदू लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा है, जिससे समाज की संरचना और संस्कृति को गहरा आघात पहुंच रहा है।

कलेक्ट्रेट तक पहुँची रैली, सौंपा गया ज्ञापन
गांधी चौक से प्रारंभ होकर यह रैली जूना बिलासपुर, सदर बाजार, तिलक नगर होते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुँची। वहाँ प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की गई कि राज्य सरकार इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त और प्रभावी कानून बनाए। ज्ञापन में चेतावनी दी गई कि यदि सरकार ने शीघ्र कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो आंदोलन को और भी व्यापक और उग्र रूप दिया जाएगा।

मातृशक्ति की सक्रिय भागीदारी
इस रैली की एक प्रमुख विशेषता यह रही कि बड़ी संख्या में महिलाएं और मातृशक्ति इसमें शामिल हुईं। भगवा वस्त्रधारी महिलाओं ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि नारी शक्ति अब इन कुटिल प्रयासों के विरुद्ध पूरी तरह से जागरूक और संगठित है। उनका कहना था कि अवैध धर्मांतरण और लव जिहाद से न केवल धर्म बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा और सामाजिक संरचना भी खतरे में है।
महिलाओं ने सरकार से मांग की कि जनभावना का सम्मान करते हुए ऐसे कड़े कानून बनाए जाएं, जिससे देश की डेमोग्राफिक संरचना से छेड़छाड़ करने वाले तत्वों पर लगाम लग सके।
“धर्मांतरण सत्ता प्राप्ति की साजिश”

रैली में शामिल वक्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि धर्मांतरण का उद्देश्य केवल धर्म परिवर्तन नहीं, बल्कि संख्या बल बढ़ाकर भविष्य में सत्ता पर कब्जा जमाना है। उन्होंने यह दावा किया कि यह एक गहरी अंतरराष्ट्रीय साजिश है, जिससे भारत को सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है।

बिलासपुर की यह रैली एक सामाजिक चेतना का प्रतिबिंब बनकर उभरी है, जिसमें आमजन, संगठन और मातृशक्ति एकजुट होकर धर्मांतरण और लव जिहाद जैसी संवेदनशील समस्याओं के विरुद्ध मुखर हुए। यह रैली केवल एक विरोध नहीं, बल्कि भविष्य में होने वाले संघर्ष की भूमिका मानी जा रही है। अब देखना यह होगा कि सरकार जनभावनाओं को समझते हुए इन मुद्दों पर कितना शीघ्र और कठोर कदम उठाती है।
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