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सीएसआर में राशि ही नहीं थी तो फिर क्यों दी स्वीकृति, 17 आत्मानंद स्कूलों के निरस्त करने की होनी चाहिए जांच: तुलेश्वर
कोरबा। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जिले में 42 आत्मानंद स्कूलों की स्वीकृति दी थी, जिसमें से 17 स्कूलों की स्वीकृति को वर्तमान कलेक्टर ने निरस्त कर दिया गया है। मामले में पाली तानाखार विधायक तुलेश्वर सिंह मरकाम का कहना है कि जरूर इसमें भ्रष्टाचार हुआ है, मामले की जांच होनी चाहिए। बुधवार को जिला पुनर्वास समिति की बैठक शामिल होने पहुंचे विधायक मरकाम ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि पूर्व कलेक्टर ने आत्मानंद स्कूलों के लिए आदेश जारी की गई थी। वहीं एसईसीएल गेवरा क्षेत्र की सीएसआर मद की प्रत्याशा में डीएमएफ मद से राशि जारी किया गया था। जब इनके पास पैसा ही नहीं था तो जारी नहीं करना था। डीएमएफ से जो पैसा जारी हुआ वह सीएसआर में स्वीकृत हुई थी। सीएसआर कंपनी वालों को देना था। कंपनी वालों ने नहीं दिया तो जारी नहीं करना था। वर्तमान कलेक्टर फिर से उसके लिए राशि जारी कर रहे हैं। लगता है कि जरुर इसमें बंदरबांट हुआ है। विकास के नाम पर खानापूर्ति हो रही है।उन्होंने कहा कि बैठक, बैठक…… बैठक का दौर चलता रहता है। आओ और अपनी बात रखो। जबकि समस्या बनी रहती है। डीएमएफ में पूरी तरीके से बंदरबांट किया गया है। डीएमएफ से ग्राम पंचायत को मॉडल बनाया जाए, स्कूल, आंगनबाड़ी, पटवारी भवन, सचिव भवनों को सुधारा जाए। ताकि इसे देखने दुनिया के लोग आएं। उन्होंने कहा कि वैसे तो एसईसीएल केंद्र सरकार की कंपनी है, लेकिन जब भी गांव में खदान खोलनी होती है तो अधिकारी मीठी-मीठी बातें कर लुभाते हैं। खदान खुल जाने के बाद भी समस्याओं का निराकरण नहीं किया जाता। जिससे ग्रामीणों की समस्या बनी रहती हैं। इसे लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ही नहीं, सर्व समाज द्वारा आंदोलन किया जाएगा।